बन्दर ने देखा कि अगर जल्दी कुछ नहीं किया गया, तो सभी जानवर प्यास से मर जाएंगे। उसने अपने दोस्तों से कहा, "हमें मिलकर कुछ करना होगा। इस जंगल में ज़रूर कोई ऐसी जगह होगी जहां पानी छिपा हो।"
बन्दर ने देखा कि अगर जल्दी कुछ नहीं किया गया, तो सभी जानवर प्यास से मर जाएंगे। उसने अपने दोस्तों से कहा, "हमें मिलकर कुछ करना होगा। इस जंगल में ज़रूर कोई ऐसी जगह होगी जहां पानी छिपा हो।"
बन्दर ने देखा कि अगर जल्दी कुछ नहीं किया गया, तो सभी जानवर प्यास से मर जाएंगे। उसने अपने दोस्तों से कहा, "हमें मिलकर कुछ करना होगा। इस जंगल में ज़रूर कोई ऐसी जगह होगी जहां पानी छिपा हो।"
बन्दर ने देखा कि अगर जल्दी कुछ नहीं किया गया, तो सभी जानवर प्यास से मर जाएंगे। उसने अपने दोस्तों से कहा, "हमें मिलकर कुछ करना होगा। इस जंगल में ज़रूर कोई ऐसी जगह होगी जहां पानी छिपा हो।"
बन्दर ने देखा कि अगर जल्दी कुछ नहीं किया गया, तो सभी जानवर प्यास से मर जाएंगे। उसने अपने दोस्तों से कहा, "हमें मिलकर कुछ करना होगा। इस जंगल में ज़रूर कोई ऐसी जगह होगी जहां पानी छिपा हो।"
एक दिन, जंगल में बहुत गर्मी पड़ रही थी। सभी जानवर बहुत परेशान थे क्योंकि पानी की कमी हो गई थी। नदी सूख चुकी थी और तालाब भी खाली हो गया था। सभी जानवर इस समस्या का हल ढूंढने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
एक दिन, जंगल में बहुत गर्मी पड़ रही थी। सभी जानवर बहुत परेशान थे क्योंकि पानी की कमी हो गई थी। नदी सूख चुकी थी और तालाब भी खाली हो गया था। सभी जानवर इस समस्या का हल ढूंढने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
एक दिन, जंगल में बहुत गर्मी पड़ रही थी। सभी जानवर बहुत परेशान थे क्योंकि पानी की कमी हो गई थी। नदी सूख चुकी थी और तालाब भी खाली हो गया था। सभी जानवर इस समस्या का हल ढूंढने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
एक दिन, जंगल में बहुत गर्मी पड़ रही थी। सभी जानवर बहुत परेशान थे क्योंकि पानी की कमी हो गई थी। नदी सूख चुकी थी और तालाब भी खाली हो गया था। सभी जानवर इस समस्या का हल ढूंढने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
एक दिन, जंगल में बहुत गर्मी पड़ रही थी। सभी जानवर बहुत परेशान थे क्योंकि पानी की कमी हो गई थी। नदी सूख चुकी थी और तालाब भी खाली हो गया था। सभी जानवर इस समस्या का हल ढूंढने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
घने जंगल में चीकू नाम का एक छोटा, समझदार बंदर रहता था। चीकू को पेड़ों पर झूलना और मीठे-मीठे फल खाना बहुत पसंद था। उसके सबसे अच्छे दोस्त थे बिन्नी हाथी, मिन्नी हिरण, और सोनू खरगोश। चारों दोस्त हर दिन मिलकर खेलते थे और जंगल में नई-नई जगहों की खोज करते थे।
घने जंगल में चीकू नाम का एक छोटा, समझदार बंदर रहता था। चीकू को पेड़ों पर झूलना और मीठे-मीठे फल खाना बहुत पसंद था। उसके सबसे अच्छे दोस्त थे बिन्नी हाथी, मिन्नी हिरण, और सोनू खरगोश। चारों दोस्त हर दिन मिलकर खेलते थे और जंगल में नई-नई जगहों की खोज करते थे।
घने जंगल में चीकू नाम का एक छोटा, समझदार बंदर रहता था। चीकू को पेड़ों पर झूलना और मीठे-मीठे फल खाना बहुत पसंद था। उसके सबसे अच्छे दोस्त थे बिन्नी हाथी, मिन्नी हिरण, और सोनू खरगोश। चारों दोस्त हर दिन मिलकर खेलते थे और जंगल में नई-नई जगहों की खोज करते थे।
घने जंगल में चीकू नाम का एक छोटा, समझदार बंदर रहता था। चीकू को पेड़ों पर झूलना और मीठे-मीठे फल खाना बहुत पसंद था। उसके सबसे अच्छे दोस्त थे बिन्नी हाथी, मिन्नी हिरण, और सोनू खरगोश। चारों दोस्त हर दिन मिलकर खेलते थे और जंगल में नई-नई जगहों की खोज करते थे।
इस साल, उन्होंने सोचा कि वे कुछ खास करेंगे। गिलहरी ने कहा, "चलो, हम गांव में सबसे बड़ा दीया बनाते हैं!" सभी ने सहमति दी और काम में जुट गए।
इस साल, उन्होंने सोचा कि वे कुछ खास करेंगे। गिलहरी ने कहा, "चलो, हम गांव में सबसे बड़ा दीया बनाते हैं!" सभी ने सहमति दी और काम में जुट गए।
इस साल, उन्होंने सोचा कि वे कुछ खास करेंगे। गिलहरी ने कहा, "चलो, हम गांव में सबसे बड़ा दीया बनाते हैं!" सभी ने सहमति दी और काम में जुट गए।
एक छोटे से गांव में चार दोस्तों का एक प्यारा सा समूह था: गिल्ली (गिलहरी), टिंकू (तितली), मोटू (खरगोश), और चिंकी (चिंटी)। हर साल, वे एक साथ मिलकर दिवाली का त्यौहार मनाते थे।
एक छोटे से गांव में चार दोस्तों का एक प्यारा सा समूह था: गिल्ली (गिलहरी), टिंकू (तितली), मोटू (खरगोश), और चिंकी (चिंटी)। हर साल, वे एक साथ मिलकर दिवाली का त्यौहार मनाते थे।
एक छोटे से गांव में चार दोस्तों का एक प्यारा सा समूह था: गिल्ली (गिलहरी), टिंकू (तितली), मोटू (खरगोश), और चिंकी (चिंटी)। हर साल, वे एक साथ मिलकर दिवाली का त्यौहार मनाते थे।
मोरू मोर, रानी तितली, बुलबुल चिड़िया और चिंटू चींटी। सभी दोस्त दिनभर बगीचे में खेलते और खूब मस्ती करते थे।
मोरू मोर, रानी तितली, बुलबुल चिड़िया और चिंटू चींटी। सभी दोस्त दिनभर बगीचे में खेलते और खूब मस्ती करते थे।
एक समय की बात है, एक सुंदर बगीचे में चार दोस्त रहते थे – मोरू मोर, रानी तितली, बुलबुल चिड़िया और चिंटू चींटी। सभी दोस्त दिनभर बगीचे में खेलते और खूब मस्ती करते थे।
एक समय की बात है, एक सुंदर बगीचे में चार दोस्त रहते थे – मोरू मोर, रानी तितली, बुलबुल चिड़िया और चिंटू चींटी। सभी दोस्त दिनभर बगीचे में खेलते और खूब मस्ती करते थे।
एक समय की बात है, एक सुंदर बगीचे में चार दोस्त रहते थे – मोरू मोर, रानी तितली, बुलबुल चिड़िया और चिंटू चींटी। सभी दोस्त दिनभर बगीचे में खेलते और खूब मस्ती करते थे।
एक समय की बात है, एक सुंदर बगीचे में चार दोस्त रहते थे – मोरू मोर, रानी तितली, बुलबुल चिड़िया और चिंटू चींटी। सभी दोस्त दिनभर बगीचे में खेलते और खूब मस्ती करते थे।
जंगल के किनारे एक छोटा सा गाँव था, जहाँ एक बंदर रहता था। उसका नाम मंजी था। मंजी को गुब्बारों से बहुत प्यार था। जब भी गाँव में मेला लगता, वह गुब्बारे बेचने वाले के पास जाकर रंग-बिरंगे गुब्बारे देखता और सोचता, "काश! मेरे पास भी इतने सारे गुब्बारे होते।"
जंगल के किनारे एक छोटा सा गाँव था, जहाँ एक बंदर रहता था। उसका नाम मंजी था। मंजी को गुब्बारों से बहुत प्यार था। जब भी गाँव में मेला लगता, वह गुब्बारे बेचने वाले के पास जाकर रंग-बिरंगे गुब्बारे देखता और सोचता, "काश! मेरे पास भी इतने सारे गुब्बारे होते।"
जंगल के किनारे एक छोटा सा गाँव था, जहाँ एक बंदर रहता था। उसका नाम मंजी था। मंजी को गुब्बारों से बहुत प्यार था। जब भी गाँव में मेला लगता, वह गुब्बारे बेचने वाले के पास जाकर रंग-बिरंगे गुब्बारे देखता और सोचता, "काश! मेरे पास भी इतने सारे गुब्बारे होते।"
जंगल के किनारे एक छोटा सा गाँव था, जहाँ एक बंदर रहता था। उसका नाम मंजी था। मंजी को गुब्बारों से बहुत प्यार था। जब भी गाँव में मेला लगता, वह गुब्बारे बेचने वाले के पास जाकर रंग-बिरंगे गुब्बारे देखता और सोचता, "काश! मेरे पास भी इतने सारे गुब्बारे होते।"
एक गांव में मोहन नाम का एक किसान रहता था। मोहन बहुत मेहनती और ईमानदार था, लेकिन उसके पास बहुत कम ज़मीन थी। वह दिन-रात मेहनत करता, फिर भी उसे खेती से बहुत कम उपज मिलती थी।
एक गांव में मोहन नाम का एक किसान रहता था। मोहन बहुत मेहनती और ईमानदार था, लेकिन उसके पास बहुत कम ज़मीन थी। वह दिन-रात मेहनत करता, फिर भी उसे खेती से बहुत कम उपज मिलती थी।
एक बार की बात है, एक छोटा सा खरगोश था जिसका नाम बंटी था। बंटी बहुत शरारती था और हर दिन जंगल में घूमता रहता था। उसके दोस्त थे – मीना लोमड़ी, राजा शेर, और टॉमी कछुआ।
एक बार की बात है, एक छोटा सा खरगोश था जिसका नाम बंटी था। बंटी बहुत शरारती था और हर दिन जंगल में घूमता रहता था। उसके दोस्त थे – मीना लोमड़ी, राजा शेर, और टॉमी कछुआ।
एक बार की बात है, एक छोटा सा खरगोश था जिसका नाम बंटी था। बंटी बहुत शरारती था और हर दिन जंगल में घूमता रहता था। उसके दोस्त थे – मीना लोमड़ी, राजा शेर, और टॉमी कछुआ।
एक बार की बात है, एक छोटा सा खरगोश था जिसका नाम बंटी था। बंटी बहुत शरारती था और हर दिन जंगल में घूमता रहता था। उसके दोस्त थे – मीना लोमड़ी, राजा शेर, और टॉमी कछुआ।
हाथी ने दिन-रात मेहनत की। उसने पुराने कागज और तिनके इकट्ठा किए और एक बड़ा पंखा बनाया। वह अपने दोस्तों को बताने गया कि वह अब उड़ने जा रहा है। सभी दोस्त उसकी मदद करने के लिए तैयार हो गए।