गिलहरी ने खुशी-खुशी सहमति दी। चूहा ने अपने घोंसले से नट लाए और गिलहरी को दिए। गिलहरी बहुत खुश हुआ और उसने चूहा का धन्यवाद किया।
गिलहरी ने खुशी-खुशी सहमति दी। चूहा ने अपने घोंसले से नट लाए और गिलहरी को दिए। गिलहरी बहुत खुश हुआ और उसने चूहा का धन्यवाद किया।
चूहा ने कहा, "मैंने अपने सारे नट खो दिए हैं और मुझे भूख लग रही है।" चिरु ने सोचा कि ये एक अच्छा मौका है दोस्ती का। उसने को अपनी ओर बुलाया और कहा, "मैं तुम्हारे लिए नट लाऊँगी। तुम मेरे साथ दोस्ती करोगे?"गिलहरी
चूहा ने कहा, "मैंने अपने सारे नट खो दिए हैं और मुझे भूख लग रही है।" चिरु ने सोचा कि ये एक अच्छा मौका है दोस्ती का। उसने को अपनी ओर बुलाया और कहा, "मैं तुम्हारे लिए नट लाऊँगी। तुम मेरे साथ दोस्ती करोगे?"गिलहरी
चीकू ने कहा, "मैंने अपने सारे नट खो दिए हैं और मुझे भूख लग रही है।" चिरु ने सोचा कि ये एक अच्छा मौका है दोस्ती का। उसने चीकू को अपनी ओर बुलाया और कहा, "मैं तुम्हारे लिए नट लाऊँगी। तुम मेरे साथ दोस्ती करोगे?"
चिरु ने अपने जंगल में घूमते हुए देखा कि एक चूहा, जिसका नाम था चीकू, अपने घर के बाहर दुखी बैठा था। चिरु ने उससे पूछा, "क्यों रो रहे हो, चीकू?"
चिरु ने अपने जंगल में घूमते हुए देखा कि एक चूहा, जिसका नाम था चीकू, अपने घर के बाहर दुखी बैठा था। चिरु ने उससे पूछा, "क्यों रो रहे हो, चीकू?"
ही ने अपने जंगल में घूमते हुए देखा कि एक चूहा, जिसका नाम था चीकू, अपने घर के बाहर दुखी बैठा था। गिलहरी ने उससे पूछा, "क्यों रो रहे हो, चीकू?"गिलहरी
ही ने अपने जंगल में घूमते हुए देखा कि एक चूहा, जिसका नाम था चीकू, अपने घर के बाहर दुखी बैठा था। गिलहरी ने उससे पूछा, "क्यों रो रहे हो, चीकू?"गिलहरी
चिरु ने अपने जंगल में घूमते हुए देखा कि एक चूहा, जिसका नाम था चीकू, अपने घर के बाहर दुखी बैठा था। चिरु ने उससे पूछा, "क्यों रो रहे हो, चीकू?"
बहुत समय पहले की बात है, एक हरे-भरे जंगल में एक चतुर गिलहरी रहती थी। उसका नाम था चिरु। चिरु बहुत चतुर और समझदार थी, लेकिन वो अकेली महसूस करती थी। एक दिन, उसने सोचा कि उसे दोस्त बनाना चाहिए।
बहुत समय पहले की बात है, एक हरे-भरे जंगल में एक चतुर गिलहरी रहती थी। उसका नाम था चिरु। चिरु बहुत चतुर और समझदार थी, लेकिन वो अकेली महसूस करती थी। एक दिन, उसने सोचा कि उसे दोस्त बनाना चाहिए।
बहुत समय पहले की बात है, एक हरे-भरे जंगल में एक चतुर गिलहरी रहती थी। उसका नाम था चिरु। चिरु बहुत चतुर और समझदार थी, लेकिन वो अकेली महसूस करती थी। एक दिन, उसने सोचा कि उसे दोस्त बनाना चाहिए।
एक गांव में एक गरीब किसान रहता था। उसके पास एक हंस था, जो हर दिन एक सुनहरा अंडा देता था। किसान और उसकी पत्नी हर दिन वह अंडा बाजार में बेचते, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो जाती थी। धीरे-धीरे किसान की गरीबी दूर होने लगी और वह खुशहाल जीवन जीने लगा।
एक गांव में एक गरीब किसान रहता था। उसके पास एक हंस था, जो हर दिन एक सुनहरा अंडा देता था। किसान और उसकी पत्नी हर दिन वह अंडा बाजार में बेचते, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो जाती थी। धीरे-धीरे किसान की गरीबी दूर होने लगी और वह खुशहाल जीवन जीने लगा।
एक गांव में एक गरीब किसान रहता था। उसके पास एक हंस था, जो हर दिन एक सुनहरा अंडा देता था। किसान और उसकी पत्नी हर दिन वह अंडा बाजार में बेचते, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो जाती थी। धीरे-धीरे किसान की गरीबी दूर होने लगी और वह खुशहाल जीवन जीने लगा।
बन्दर ने एक बड़े, पुराने पेड़ के पास की जमीन को ध्यान से देखा। उसने बिन्नी हाथी से कहा, "बिन्नी, इस पेड़ के पास गड्ढा खोदो। मुझे लगता है यहां पानी हो सकता है।" हिरण तुरंत वहां गड्ढा खोदा और कुछ ही देर बाद पानी की एक धारा फूट पड़ी!
बन्दर ने एक बड़े, पुराने पेड़ के पास की जमीन को ध्यान से देखा। उसने बिन्नी हाथी से कहा, "बिन्नी, इस पेड़ के पास गड्ढा खोदो। मुझे लगता है यहां पानी हो सकता है।" हिरण तुरंत वहां गड्ढा खोदा और कुछ ही देर बाद पानी की एक धारा फूट पड़ी!
सभी जानवर खुशी से उछल पड़े। अब पूरे जंगल में पानी का इंतजाम हो गया था। बन्दर की समझदारी और दोस्तों के साथ मिलकर काम करने से पूरे जंगल की प्यास बुझ गई।
सभी जानवर खुशी से उछल पड़े। अब पूरे जंगल में पानी का इंतजाम हो गया था। बन्दर की समझदारी और दोस्तों के साथ मिलकर काम करने से पूरे जंगल की प्यास बुझ गई।
सभी जानवर खुशी से उछल पड़े। अब पूरे जंगल में पानी का इंतजाम हो गया था। बन्दर की समझदारी और दोस्तों के साथ मिलकर काम करने से पूरे जंगल की प्यास बुझ गई।
सभी जानवर खुशी से उछल पड़े। अब पूरे जंगल में पानी का इंतजाम हो गया था। बन्दर की समझदारी और दोस्तों के साथ मिलकर काम करने से पूरे जंगल की प्यास बुझ गई।
सभी जानवर खुशी से उछल पड़े। अब पूरे जंगल में पानी का इंतजाम हो गया था। चीकू की समझदारी और दोस्तों के साथ मिलकर काम करने से पूरे जंगल की प्यास बुझ गई।
सभी जानवर खुशी से उछल पड़े। अब पूरे जंगल में पानी का इंतजाम हो गया था। चीकू की समझदारी और दोस्तों के साथ मिलकर काम करने से पूरे जंगल की प्यास बुझ गई।
बन्दर ने एक बड़े, पुराने पेड़ के पास की जमीन को ध्यान से देखा। उसने हाथी से कहा, "बिन्नी, इस पेड़ के पास गड्ढा खोदो। मुझे लगता है यहां पानी हो सकता है।" हिरण ने तुरंत वहां गड्ढा खोदा और कुछ ही देर बाद पानी की एक धारा फूट पड़ी!
बन्दर ने एक बड़े, पुराने पेड़ के पास की जमीन को ध्यान से देखा। उसने हाथी से कहा, "बिन्नी, इस पेड़ के पास गड्ढा खोदो। मुझे लगता है यहां पानी हो सकता है।" हिरण ने तुरंत वहां गड्ढा खोदा और कुछ ही देर बाद पानी की एक धारा फूट पड़ी!
बन्दर और उसके दोस्तों ने मिलकर जंगल के दूर-दूर तक पानी की खोज शुरू की। बिन्नी हाथी ने अपनी सूंड से जमीन में गहरे गड्ढे खोदे, लेकिन पानी नहीं मिला। हिरण खरगोश ने भी अलग-अलग जगहों पर कोशिश की, लेकिन वे भी नाकाम रहे।
बन्दर और उसके दोस्तों ने मिलकर जंगल के दूर-दूर तक पानी की खोज शुरू की। बिन्नी हाथी ने अपनी सूंड से जमीन में गहरे गड्ढे खोदे, लेकिन पानी नहीं मिला। हिरण खरगोश ने भी अलग-अलग जगहों पर कोशिश की, लेकिन वे भी नाकाम रहे।
बन्दर और उसके दोस्तों ने मिलकर जंगल के दूर-दूर तक पानी की खोज शुरू की। बिन्नी हाथी ने अपनी सूंड से जमीन में गहरे गड्ढे खोदे, लेकिन पानी नहीं मिला। हिरण खरगोश ने भी अलग-अलग जगहों पर कोशिश की, लेकिन वे भी नाकाम रहे।
बन्दर और उसके दोस्तों ने मिलकर जंगल के दूर-दूर तक पानी की खोज शुरू की। बिन्नी हाथी ने अपनी सूंड से जमीन में गहरे गड्ढे खोदे, लेकिन पानी नहीं मिला। हिरण खरगोश ने भी अलग-अलग जगहों पर कोशिश की, लेकिन वे भी नाकाम रहे।
बन्दर और उसके दोस्तों ने मिलकर जंगल के दूर-दूर तक पानी की खोज शुरू की। बिन्नी हाथी ने अपनी सूंड से जमीन में गहरे गड्ढे खोदे, लेकिन पानी नहीं मिला। हिरण खरगोश ने भी अलग-अलग जगहों पर कोशिश की, लेकिन वे भी नाकाम रहे।
तभी बन्दर ने सोचा, "अगर जमीन के ऊपर पानी नहीं है, तो शायद जमीन के नीचे हो!" उसने अपने दोस्तों से कहा, "हमें किसी ऐसी जगह को ढूंढना होगा जहां जमीन के नीचे पानी हो सकता है।"
तभी बन्दर ने सोचा, "अगर जमीन के ऊपर पानी नहीं है, तो शायद जमीन के नीचे हो!" उसने अपने दोस्तों से कहा, "हमें किसी ऐसी जगह को ढूंढना होगा जहां जमीन के नीचे पानी हो सकता है।"
तभी बन्दर ने सोचा, "अगर जमीन के ऊपर पानी नहीं है, तो शायद जमीन के नीचे हो!" उसने अपने दोस्तों से कहा, "हमें किसी ऐसी जगह को ढूंढना होगा जहां जमीन के नीचे पानी हो सकता है।"
बन्दर और उसके दोस्तों ने मिलकर जंगल के दूर-दूर तक पानी की खोज शुरू की। बिन्नी हाथी ने अपनी सूंड से जमीन में गहरे गड्ढे खोदे, लेकिन पानी नहीं मिला। हिरण खरगोश ने भी अलग-अलग जगहों पर कोशिश की, लेकिन वे भी नाकाम रहे।
बन्दर और उसके दोस्तों ने मिलकर जंगल के दूर-दूर तक पानी की खोज शुरू की। बिन्नी हाथी ने अपनी सूंड से जमीन में गहरे गड्ढे खोदे, लेकिन पानी नहीं मिला। हिरण खरगोश ने भी अलग-अलग जगहों पर कोशिश की, लेकिन वे भी नाकाम रहे।
बन्दर और उसके दोस्तों ने मिलकर जंगल के दूर-दूर तक पानी की खोज शुरू की। बिन्नी हाथी ने अपनी सूंड से जमीन में गहरे गड्ढे खोदे, लेकिन पानी नहीं मिला। हिरण खरगोश ने भी अलग-अलग जगहों पर कोशिश की, लेकिन वे भी नाकाम रहे।