वह सीधे नदी में नहीं जा सकती थी. इसलिए किनारे पड़े एक पत्थर पर चढ़कर पानी पीने का प्रयास करने लगी. लेकिन इस प्रयास में वह अपना संतुलन खो बैठी और नदी में गिर पड़ी.
वह सीधे नदी में नहीं जा सकती थी. इसलिए किनारे पड़े एक पत्थर पर चढ़कर पानी पीने का प्रयास करने लगी. लेकिन इस प्रयास में वह अपना संतुलन खो बैठी और नदी में गिर पड़ी.
तपती दोपहरी में प्यास से बेहाल एक छोटी सी चींटी पानी की तलाश में भटक रही थी. बहुत देर भटकने के बाद उसे एक नदी दिखाई पड़ी और वो ख़ुश होकर नदी की ओर बढ़ने लगी. नदी के किनारे पहुँचकर जब उसने कल-कल बहता शीतल जल
तपती दोपहरी में प्यास से बेहाल एक छोटी सी चींटी पानी की तलाश में भटक रही थी. बहुत देर भटकने के बाद उसे एक नदी दिखाई पड़ी और वो ख़ुश होकर नदी की ओर बढ़ने लगी. नदी के किनारे पहुँचकर जब उसने कल-कल बहता शीतल जल
तपती दोपहरी में प्यास से बेहाल एक छोटी सी चींटी पानी की तलाश में भटक रही थी. बहुत देर भटकने के बाद उसे एक नदी दिखाई पड़ी और वो ख़ुश होकर नदी की ओर बढ़ने लगी. नदी के किनारे पहुँचकर जब उसने कल-कल बहता शीतल जल
तपती दोपहरी में प्यास से बेहाल एक छोटी सी चींटी पानी की तलाश में भटक रही थी. बहुत देर भटकने के बाद उसे एक नदी दिखाई पड़ी और वो ख़ुश होकर नदी की ओर बढ़ने लगी. नदी के किनारे पहुँचकर जब उसने कल-कल बहता शीतल जल
तपती दोपहरी में प्यास से बेहाल एक छोटी सी चींटी पानी की तलाश में भटक रही थी. बहुत देर भटकने के बाद उसे एक नदी दिखाई पड़ी और वो ख़ुश होकर नदी की ओर बढ़ने लगी. नदी के किनारे पहुँचकर जब उसने कल-कल बहता शीतल जल
Dazzling aurora borealis over a snow-covered Viking village, magical night, digital art
एक शिकारी ने उसी कबूतर पर निशाना साधा। चींटी ने शिकारी को काट लिया, जिससे शिकारी का निशाना चूक गया और कबूतर उड़ गया। **शिक्षा:** जो दूसरों की मदद करता है, उसे भी कठिन समय में मदद मिलती है।एम
एक शिकारी ने उसी कबूतर पर निशाना साधा। चींटी ने शिकारी को काट लिया, जिससे शिकारी का निशाना चूक गया और कबूतर उड़ गया। **शिक्षा:** जो दूसरों की मदद करता है, उसे भी कठिन समय में मदद मिलती है।एम
एक शिकारी ने उसी कबूतर पर निशाना साधा। चींटी ने शिकारी को काट लिया, जिससे शिकारी का निशाना चूक गया और कबूतर उड़ गया। **शिक्षा:** जो दूसरों की मदद करता है, उसे भी कठिन समय में मदद मिलती है।एम
एक शिकारी ने उसी कबूतर पर निशाना साधा। चींटी ने शिकारी को काट लिया, जिससे शिकारी का निशाना चूक गया और कबूतर उड़ गया। **शिक्षा:** जो दूसरों की मदद करता है, उसे भी कठिन समय में मदद मिलती है।एम
एक शिकारी ने उसी कबूतर पर निशाना साधा। चींटी ने शिकारी को काट लिया, जिससे शिकारी का निशाना चूक गया और कबूतर उड़ गया। **शिक्षा:** जो दूसरों की मदद करता है, उसे भी कठिन समय में मदद मिलती है।
और उसकी मदद के लिए एक पत्ता नदी में डाल दिया। चींटी उस पत्ते पर चढ़ गई और सुरक्षित किनारे पर पहुँच गई। कुछ दिनों बाद, एक शिकारी ने
और उसकी मदद के लिए एक पत्ता नदी में डाल दिया। चींटी उस पत्ते पर चढ़ गई और सुरक्षित किनारे पर पहुँच गई। कुछ दिनों बाद, एक शिकारी ने
और उसकी मदद के लिए एक पत्ता नदी में डाल दिया। चींटी उस पत्ते पर चढ़ गई और सुरक्षित किनारे पर पहुँच गई। कुछ दिनों बाद, एक शिकारी ने
एक बार की बात है, एक चींटी पानी पीने के लिए नदी के किनारे गई और गलती से पानी में गिर गई। वह डूबने लगी। पास में बैठे एक कबूतर ने उसे देखा
एक बार की बात है, एक चींटी पानी पीने के लिए नदी के किनारे गई और गलती से पानी में गिर गई। वह डूबने लगी। पास में बैठे एक कबूतर ने उसे देखा
एक बार की बात है, एक चींटी पानी पीने के लिए नदी के किनारे गई और गलती से पानी में गिर गई। वह डूबने लगी। पास में बैठे एक कबूतर ने उसे देखा
एक बार की बात है, एक चींटी पानी पीने के लिए नदी के किनारे गई और गलती से पानी में गिर गई। वह डूबने लगी। पास में बैठे एक कबूतर ने उसे देखा
एक गर्मी का दिन था। एक प्यासा कौआ पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था। बहुत खोजने के बाद उसे एक घड़ा मिला जिसमें थोड़ा सा पानी था। घड़े में पानी तक पहुँचने के लिए कौआ ने एक तरकीब निकाली। उसने पास पड़े कंकड़ उठाकर घड़े में डालने शुरू किए। धीरे-धीरे पानी ऊपर आ गया और कौए ने अपनी प्यास बुझाई। शिक्षा धैर्य और बुद्धिमानी से काम लेने पर कठिनाई का हल मिल सकता है।
एक गर्मी का दिन था। एक प्यासा कौआ पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था। बहुत खोजने के बाद उसे एक घड़ा मिला जिसमें थोड़ा सा पानी था। घड़े में पानी तक पहुँचने के लिए कौआ ने एक तरकीब निकाली। उसने पास पड़े कंकड़ उठाकर घड़े में डालने शुरू किए। धीरे-धीरे पानी ऊपर आ गया और कौए ने अपनी प्यास बुझाई। शिक्षा धैर्य और बुद्धिमानी से काम लेने पर कठिनाई का हल मिल सकता है।
एक गर्मी का दिन था। एक प्यासा कौआ पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था। बहुत खोजने के बाद उसे एक घड़ा मिला जिसमें थोड़ा सा पानी था। घड़े में पानी तक पहुँचने के लिए कौआ ने एक तरकीब निकाली। उसने पास पड़े कंकड़ उठाकर घड़े में डालने शुरू किए। धीरे-धीरे पानी ऊपर आ गया और कौए ने अपनी प्यास बुझाई। शिक्षा धैर्य और बुद्धिमानी से काम लेने पर कठिनाई का हल मिल सकता है।
**सीख:** लालच का फल हमेशा बुरा होता है। हमें धैर्य रखना चाहिए और जो हमारे पास है, उसकी कद्र करनी चाहिए।
**सीख:** लालच का फल हमेशा बुरा होता है। हमें धैर्य रखना चाहिए और जो हमारे पास है, उसकी कद्र करनी चाहिए।
यह सोचकर उसने मुर्गी को मार दिया। लेकिन जब उसने मुर्गी का पेट फाड़ा, तो उसे वहां कोई अंडा नहीं मिला। अब उसकी हालत पहले से भी ज्यादा खराब हो गई थी। उसकी लालच ने उसे सब कुछ गंवा दिया।
यह सोचकर उसने मुर्गी को मार दिया। लेकिन जब उसने मुर्गी का पेट फाड़ा, तो उसे वहां कोई अंडा नहीं मिला। अब उसकी हालत पहले से भी ज्यादा खराब हो गई थी। उसकी लालच ने उसे सब कुछ गंवा दिया।
यह सोचकर उसने मुर्गी को मार दिया। लेकिन जब उसने मुर्गी का पेट फाड़ा, तो उसे वहां कोई अंडा नहीं मिला। अब उसकी हालत पहले से भी ज्यादा खराब हो गई थी। उसकी लालच ने उसे सब कुछ गंवा दिया।
लेकिन समय के साथ, किसान लालची हो गया। उसने सोचा, "यदि यह मुर्गी रोज एक अंडा देती है, तो उसके पेट में बहुत सारे सोने के अंडे होंगे। क्यों न मैं इसे मारकर सारे अंडे एक साथ निकाल लूं?"
लेकिन समय के साथ, किसान लालची हो गया। उसने सोचा, "यदि यह मुर्गी रोज एक अंडा देती है, तो उसके पेट में बहुत सारे सोने के अंडे होंगे। क्यों न मैं इसे मारकर सारे अंडे एक साथ निकाल लूं?"
लेकिन समय के साथ, किसान लालची हो गया। उसने सोचा, "यदि यह मुर्गी रोज एक अंडा देती है, तो उसके पेट में बहुत सारे सोने के अंडे होंगे। क्यों न मैं इसे मारकर सारे अंडे एक साथ निकाल लूं?"
एक समय की बात है, एक गरीब किसान था। उसके पास बहुत थोड़ी सी जमीन थी, और वह बड़ी मुश्किल से अपने परिवार का पालन-पोषण कर पाता
एक समय की बात है, एक गरीब किसान था। उसके पास बहुत थोड़ी सी जमीन थी, और वह बड़ी मुश्किल से अपने परिवार का पालन-पोषण कर पाता
स्वर्ण अंडे देने वाली मुर्गी एक समय की बात है, एक गरीब किसान था। उसके पास बहुत थोड़ी सी जमीन थी, और वह बड़ी मुश्किल से अपने परिवार का पालन-पोषण कर पाता था। एक दिन उसे एक अनोखी मुर्गी मिली जो रोज एक सोने का अंडा देती थी। किसान बहुत खुश हुआ और उसने सोने के अंडे बेचकर अपनी गरीबी से छुटकारा पा लिया। उसकी स्थिति दिन-ब-दिन सुधरने लगी, और वह अमीर हो गया।
स्वर्ण अंडे देने वाली मुर्गी एक समय की बात है, एक गरीब किसान था। उसके पास बहुत थोड़ी सी जमीन थी, और वह बड़ी मुश्किल से अपने परिवार का पालन-पोषण कर पाता था। एक दिन उसे एक अनोखी मुर्गी मिली जो रोज एक सोने का अंडा देती थी। किसान बहुत खुश हुआ और उसने सोने के अंडे बेचकर अपनी गरीबी से छुटकारा पा लिया। उसकी स्थिति दिन-ब-दिन सुधरने लगी, और वह अमीर हो गया।
स्वर्ण अंडे देने वाली मुर्गी एक समय की बात है, एक गरीब किसान था। उसके पास बहुत थोड़ी सी जमीन थी, और वह बड़ी मुश्किल से अपने परिवार का पालन-पोषण कर पाता था। एक दिन उसे एक अनोखी मुर्गी मिली जो रोज एक सोने का अंडा देती थी। किसान बहुत खुश हुआ और उसने सोने के अंडे बेचकर अपनी गरीबी से छुटकारा पा लिया। उसकी स्थिति दिन-ब-दिन सुधरने लगी, और वह अमीर हो गया।