सारस खुशी-खुशी लोमड़ी के घर आया। जब खाना परोसा गया, तो लोमड़ी ने सारस के सामने एक चौड़ी और सपाट प्लेट में सूप रखा। सूप बहुत पतला था, और सारस अपनी लंबी चोंच से उसे पी नहीं पा रहा था। लेकिन लोमड़ी ने मज़े से अपनी जीभ से सारा सूप पी लिया। सारस समझ गया कि लोमड़ी उसे बेवकूफ बना रही है, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।
सारस खुशी-खुशी लोमड़ी के घर आया। जब खाना परोसा गया, तो लोमड़ी ने सारस के सामने एक चौड़ी और सपाट प्लेट में सूप रखा। सूप बहुत पतला था, और सारस अपनी लंबी चोंच से उसे पी नहीं पा रहा था। लेकिन लोमड़ी ने मज़े से अपनी जीभ से सारा सूप पी लिया। सारस समझ गया कि लोमड़ी उसे बेवकूफ बना रही है, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।
सारस खुशी-खुशी लोमड़ी के घर आया। जब खाना परोसा गया, तो लोमड़ी ने सारस के सामने एक चौड़ी और सपाट प्लेट में सूप रखा। सूप बहुत पतला था, और सारस अपनी लंबी चोंच से उसे पी नहीं पा रहा था। लेकिन लोमड़ी ने मज़े से अपनी जीभ से सारा सूप पी लिया। सारस समझ गया कि लोमड़ी उसे बेवकूफ बना रही है, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।
सारस खुशी-खुशी लोमड़ी के घर आया। जब खाना परोसा गया, तो लोमड़ी ने सारस के सामने एक चौड़ी और सपाट प्लेट में सूप रखा। सूप बहुत पतला था, और सारस अपनी लंबी चोंच से उसे पी नहीं पा रहा था। लेकिन लोमड़ी ने मज़े से अपनी जीभ से सारा सूप पी लिया। सारस समझ गया कि लोमड़ी उसे बेवकूफ बना रही है, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।
एक दिन, लोमड़ी ने सोचा कि क्यों न सारस को बेवकूफ बनाया जाए। उसने सारस को अपने घर खाने पर बुलाया और कहा, "मित्र, मैंने तुम्हारे लिए बहुत स्वादिष्ट खाना बनाया है। तुम्हें ज़रूर आना चाहिए!"
एक दिन, लोमड़ी ने सोचा कि क्यों न सारस को बेवकूफ बनाया जाए। उसने सारस को अपने घर खाने पर बुलाया और कहा, "मित्र, मैंने तुम्हारे लिए बहुत स्वादिष्ट खाना बनाया है। तुम्हें ज़रूर आना चाहिए!"
एक दिन, लोमड़ी ने सोचा कि क्यों न सारस को बेवकूफ बनाया जाए। उसने सारस को अपने घर खाने पर बुलाया और कहा, "मित्र, मैंने तुम्हारे लिए बहुत स्वादिष्ट खाना बनाया है। तुम्हें ज़रूर आना चाहिए!"
चालाक लोमड़ी और बुद्धिमान सारस** एक बार की बात है, एक घने जंगल में एक चालाक लोमड़ी और एक बुद्धिमान सारस रहते थे। दोनों अच्छे दोस्त थे, लेकिन लोमड़ी बहुत शरारती थी और अक्सर दूसरों को परेशान करने में मज़ा लेती थी।
चालाक लोमड़ी और बुद्धिमान सारस** एक बार की बात है, एक घने जंगल में एक चालाक लोमड़ी और एक बुद्धिमान सारस रहते थे। दोनों अच्छे दोस्त थे, लेकिन लोमड़ी बहुत शरारती थी और अक्सर दूसरों को परेशान करने में मज़ा लेती थी।
चालाक लोमड़ी और बुद्धिमान सारस** एक बार की बात है, एक घने जंगल में एक चालाक लोमड़ी और एक बुद्धिमान सारस रहते थे। दोनों अच्छे दोस्त थे, लेकिन लोमड़ी बहुत शरारती थी और अक्सर दूसरों को परेशान करने में मज़ा लेती थी।
जब उसने बहुत सारी चीजें जमा कर लीं, तो उसे एक बड़ा सा टुकड़ा मिला, जो उसके घर से बहुत दूर था। उसकी लालच ने उसे और ज्यादा टुकड़े उठाने को कहा, लेकिन वह बगीचा इतना छोटा था कि वह पूरी तरह से भर गया था।
जब उसने बहुत सारी चीजें जमा कर लीं, तो उसे एक बड़ा सा टुकड़ा मिला, जो उसके घर से बहुत दूर था। उसकी लालच ने उसे और ज्यादा टुकड़े उठाने को कहा, लेकिन वह बगीचा इतना छोटा था कि वह पूरी तरह से भर गया था।
जब उसने बहुत सारी चीजें जमा कर लीं, तो उसे एक बड़ा सा टुकड़ा मिला, जो उसके घर से बहुत दूर था। उसकी लालच ने उसे और ज्यादा टुकड़े उठाने को कहा, लेकिन वह बगीचा इतना छोटा था कि वह पूरी तरह से भर गया था।
आखिरकार, चूहा अपने घर लौटते हुए अपनी सारी चीजें खो बैठा। उसे समझ में आया कि उसकी लालच ने उसे परेशान किया और उसने सीखा कि कभी भी ज्यादा लालच नहीं करनी चाहिए।
आखिरकार, चूहा अपने घर लौटते हुए अपनी सारी चीजें खो बैठा। उसे समझ में आया कि उसकी लालच ने उसे परेशान किया और उसने सीखा कि कभी भी ज्यादा लालच नहीं करनी चाहिए।
आखिरकार, चूहा अपने घर लौटते हुए अपनी सारी चीजें खो बैठा। उसे समझ में आया कि उसकी लालच ने उसे परेशान किया और उसने सीखा कि कभी भी ज्यादा लालच नहीं करनी चाहिए।
जब उसने बहुत सारी चीजें जमा कर लीं, तो उसे एक बड़ा सा टुकड़ा मिला, जो उसके घर से बहुत दूर था। उसकी लालच ने उसे और ज्यादा टुकड़े उठाने को कहा, लेकिन वह बगीचा इतना छोटा था कि वह पूरी तरह से भर गया था।
जब उसने बहुत सारी चीजें जमा कर लीं, तो उसे एक बड़ा सा टुकड़ा मिला, जो उसके घर से बहुत दूर था। उसकी लालच ने उसे और ज्यादा टुकड़े उठाने को कहा, लेकिन वह बगीचा इतना छोटा था कि वह पूरी तरह से भर गया था।
जब उसने बहुत सारी चीजें जमा कर लीं, तो उसे एक बड़ा सा टुकड़ा मिला, जो उसके घर से बहुत दूर था। उसकी लालच ने उसे और ज्यादा टुकड़े उठाने को कहा, लेकिन वह बगीचा इतना छोटा था कि वह पूरी तरह से भर गया था।
जब उसने बहुत सारी चीजें जमा कर लीं, तो उसे एक बड़ा सा टुकड़ा मिला, जो उसके घर से बहुत दूर था। उसकी लालच ने उसे और ज्यादा टुकड़े उठाने को कहा, लेकिन वह बगीचा इतना छोटा था कि वह पूरी तरह से भर गया था।
जब उसने बहुत सारी चीजें जमा कर लीं, तो उसे एक बड़ा सा टुकड़ा मिला, जो उसके घर से बहुत दूर था। उसकी लालच ने उसे और ज्यादा टुकड़े उठाने को कहा, लेकिन वह बगीचा इतना छोटा था कि वह पूरी तरह से भर गया था।
जब उसने बहुत सारी चीजें जमा कर लीं, तो उसे एक बड़ा सा टुकड़ा मिला, जो उसके घर से बहुत दूर था। उसकी लालच ने उसे और ज्यादा टुकड़े उठाने को कहा, लेकिन वह बगीचा इतना छोटा था कि वह पूरी तरह से भर गया था।
एक समय की बात है, एक छोटा सा चूहा अपनी सूझ-बूझ के लिए मशहूर था। एक दिन, वह एक छोटे से बगीचे में गया जहाँ उसे बहुत सारी प्यारी चीजें मिलीं। उसने सोचा, "मैं इन सभी को घर ले जाऊँगा।"
एक समय की बात है, एक छोटा सा चूहा अपनी सूझ-बूझ के लिए मशहूर था। एक दिन, वह एक छोटे से बगीचे में गया जहाँ उसे बहुत सारी प्यारी चीजें मिलीं। उसने सोचा, "मैं इन सभी को घर ले जाऊँगा।"
एक समय की बात है, एक छोटा सा चूहा अपनी सूझ-बूझ के लिए मशहूर था। एक दिन, वह एक छोटे से बगीचे में गया जहाँ उसे बहुत सारी प्यारी चीजें मिलीं। उसने सोचा, "मैं इन सभी को घर ले जाऊँगा।"
बड़ा पेड़ मुस्कुराया और कहा, "जब आसमान में तारे चमकने लगें और हवा ठंडी हो जाए, तो समझ लो कि सोने का समय आ गया है। अपने दिमाग को शांत करो, गहरी साँस लो और सोचो कि तुम जंगल के सबसे सुरक्षित स्थान पर हो।"
बड़ा पेड़ मुस्कुराया और कहा, "जब आसमान में तारे चमकने लगें और हवा ठंडी हो जाए, तो समझ लो कि सोने का समय आ गया है। अपने दिमाग को शांत करो, गहरी साँस लो और सोचो कि तुम जंगल के सबसे सुरक्षित स्थान पर हो।"
उस दिन के बाद, टिंकू हर रात बड़े पेड़ की बातों को याद करता और चैन से सो जाता। अब उसे रात का समय डरावना नहीं लगता था, बल्कि वह उसे आराम करने का समय मानने लगा था।
उस दिन के बाद, टिंकू हर रात बड़े पेड़ की बातों को याद करता और चैन से सो जाता। अब उसे रात का समय डरावना नहीं लगता था, बल्कि वह उसे आराम करने का समय मानने लगा था।
उस दिन के बाद, टिंकू हर रात बड़े पेड़ की बातों को याद करता और चैन से सो जाता। अब उसे रात का समय डरावना नहीं लगता था, बल्कि वह उसे आराम करने का समय मानने लगा था।
टिंकू ने बड़े पेड़ की बातों को ध्यान से सुना और फिर से पूछा, "लेकिन मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे सोने का समय आ गया है?"
टिंकू ने बड़े पेड़ की बातों को ध्यान से सुना और फिर से पूछा, "लेकिन मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे सोने का समय आ गया है?"
टिंकू ने बड़े पेड़ की बातों को ध्यान से सुना और फिर से पूछा, "लेकिन मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे सोने का समय आ गया है?"
बड़ा पेड़ बोला, "डरने की कोई बात नहीं है। रात के समय हर चीज़ अपनी जगह पर सो जाती है। और याद रखो, तुम तेज़ दौड़ सकते हो। अगर कभी कोई खतरा हुआ, तो तुम आसानी से भाग सकते हो।"
बड़ा पेड़ बोला, "डरने की कोई बात नहीं है। रात के समय हर चीज़ अपनी जगह पर सो जाती है। और याद रखो, तुम तेज़ दौड़ सकते हो। अगर कभी कोई खतरा हुआ, तो तुम आसानी से भाग सकते हो।"
बड़ा पेड़ बोला, "डरने की कोई बात नहीं है। रात के समय हर चीज़ अपनी जगह पर सो जाती है। और याद रखो, तुम तेज़ दौड़ सकते हो। अगर कभी कोई खतरा हुआ, तो तुम आसानी से भाग सकते हो।"
बड़ा पेड़ बोला, "डरने की कोई बात नहीं है। रात के समय हर चीज़ अपनी जगह पर सो जाती है। और याद रखो, तुम तेज़ दौड़ सकते हो। अगर कभी कोई खतरा हुआ, तो तुम आसानी से भाग सकते हो।"