कौआ बहुत खुश हुआ और घड़े के पास गया, लेकिन जब उसने अपनी चोंच अंदर डाली तो पानी बहुत नीचे था और उसकी चोंच वहां तक नहीं पहुंच सकी। कौआ परेशान हो गया, लेकिन वह हार मानने वाला नहीं था।
कौआ बहुत खुश हुआ और घड़े के पास गया, लेकिन जब उसने अपनी चोंच अंदर डाली तो पानी बहुत नीचे था और उसकी चोंच वहां तक नहीं पहुंच सकी। कौआ परेशान हो गया, लेकिन वह हार मानने वाला नहीं था।
कौआ बहुत खुश हुआ और घड़े के पास गया, लेकिन जब उसने अपनी चोंच अंदर डाली तो पानी बहुत नीचे था और उसकी चोंच वहां तक नहीं पहुंच सकी। कौआ परेशान हो गया, लेकिन वह हार मानने वाला नहीं था।
गर्मियों के एक दिन की बात है। एक कौआ बहुत प्यासा था और पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था। उसने काफी दूर तक उड़ान भरी, लेकिन उसे कहीं भी पानी नहीं मिला। आखिरकार, उसे एक बगीचे में एक घड़ा दिखा, जिसमें थोड़ा पानी था।
गर्मियों के एक दिन की बात है। एक कौआ बहुत प्यासा था और पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था। उसने काफी दूर तक उड़ान भरी, लेकिन उसे कहीं भी पानी नहीं मिला। आखिरकार, उसे एक बगीचे में एक घड़ा दिखा, जिसमें थोड़ा पानी था।
गर्मियों के एक दिन की बात है। एक कौआ बहुत प्यासा था और पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था। उसने काफी दूर तक उड़ान भरी, लेकिन उसे कहीं भी पानी नहीं मिला। आखिरकार, उसे एक बगीचे में एक घड़ा दिखा, जिसमें थोड़ा पानी था।
एक गाँव में एक धनी व्यापारी रहता था। उसके पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी, पर फिर भी वह हमेशा परेशान रहता था। उसे कभी शांति और सच्चा सुख नहीं मिलता था। वह दिन-रात सोचता रहता था कि आखिर सच्चा सुख किसमें है।
एक गाँव में एक धनी व्यापारी रहता था। उसके पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी, पर फिर भी वह हमेशा परेशान रहता था। उसे कभी शांति और सच्चा सुख नहीं मिलता था। वह दिन-रात सोचता रहता था कि आखिर सच्चा सुख किसमें है।
एक गाँव में एक धनी व्यापारी रहता था। उसके पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी, पर फिर भी वह हमेशा परेशान रहता था। उसे कभी शांति और सच्चा सुख नहीं मिलता था। वह दिन-रात सोचता रहता था कि आखिर सच्चा सुख किसमें है।
एक गाँव में एक धनी व्यापारी रहता था। उसके पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी, पर फिर भी वह हमेशा परेशान रहता था। उसे कभी शांति और सच्चा सुख नहीं मिलता था। वह दिन-रात सोचता रहता था कि आखिर सच्चा सुख किसमें है।
उस दिन के बाद वे चारों अपनी जिंदगी में खुश रहने लगे और कभी झूठी उम्मीदों या बीते समय का पछतावा नहीं किया।
उस दिन के बाद वे चारों अपनी जिंदगी में खुश रहने लगे और कभी झूठी उम्मीदों या बीते समय का पछतावा नहीं किया।
उस दिन के बाद वे चारों अपनी जिंदगी में खुश रहने लगे और कभी झूठी उम्मीदों या बीते समय का पछतावा नहीं किया।
उस दिन के बाद वे चारों अपनी जिंदगी में खुश रहने लगे और कभी झूठी उम्मीदों या बीते समय का पछतावा नहीं किया।
उस दिन के बाद वे चारों अपनी जिंदगी में खुश रहने लगे और कभी झूठी उम्मीदों या बीते समय का पछतावा नहीं किया।
उस दिन के बाद वे चारों अपनी जिंदगी में खुश रहने लगे और कभी झूठी उम्मीदों या बीते समय का पछतावा नहीं किया।
मित्रों ने चिड़िया की बात मानकर उसे छोड़ दिया। चिड़िया उड़ी और दूर आसमान में चली गई। चारों मित्र उसकी दी गई सीख को समझ गए और उन्होंने सोचा, "धन तो आता-जाता रहेगा, पर ये सीख हमेशा हमारे साथ रहेगी।"
मित्रों ने चिड़िया की बात मानकर उसे छोड़ दिया। चिड़िया उड़ी और दूर आसमान में चली गई। चारों मित्र उसकी दी गई सीख को समझ गए और उन्होंने सोचा, "धन तो आता-जाता रहेगा, पर ये सीख हमेशा हमारे साथ रहेगी।"
मित्रों ने चिड़िया की बात मानकर उसे छोड़ दिया। चिड़िया उड़ी और दूर आसमान में चली गई। चारों मित्र उसकी दी गई सीख को समझ गए और उन्होंने सोचा, "धन तो आता-जाता रहेगा, पर ये सीख हमेशा हमारे साथ रहेगी।"
चारों मित्र ठहर गए और सोचने लगे, "धन से ज्यादा जरूरी क्या हो सकता है?" लेकिन फिर उन्होंने सोचा, "चलो सुनते हैं, क्या कहती है।" चिड़िया ने कहा, "यदि तुम मुझे छोड़ दोगे, तो मैं तुम्हें तीन सुनहरी बातें सिखाऊँगी। पहली बात: कभी भी बीते समय के बारे में पछतावा मत करो। दूसरी बात
चारों मित्र ठहर गए और सोचने लगे, "धन से ज्यादा जरूरी क्या हो सकता है?" लेकिन फिर उन्होंने सोचा, "चलो सुनते हैं, क्या कहती है।" चिड़िया ने कहा, "यदि तुम मुझे छोड़ दोगे, तो मैं तुम्हें तीन सुनहरी बातें सिखाऊँगी। पहली बात: कभी भी बीते समय के बारे में पछतावा मत करो। दूसरी बात
चारों मित्र ठहर गए और सोचने लगे, "धन से ज्यादा जरूरी क्या हो सकता है?" लेकिन फिर उन्होंने सोचा, "चलो सुनते हैं, क्या कहती है।" चिड़िया ने कहा, "यदि तुम मुझे छोड़ दोगे, तो मैं तुम्हें तीन सुनहरी बातें सिखाऊँगी। पहली बात: कभी भी बीते समय के बारे में पछतावा मत करो। दूसरी बात
चिड़िया ने कहा, "यदि तुम मुझे छोड़ दोगे, तो मैं तुम्हें तीन सुनहरी बातें सिखाऊँगी। पहली बात: कभी भी बीते समय के बारे में पछतावा मत करो। दूसरी बात: जो तुम्हारे पास नहीं है, उसके लिए कभी दुखी मत हो। और तीसरी बात: झूठी उम्मीदों के पीछे मत भागो।"
चिड़िया ने कहा, "यदि तुम मुझे छोड़ दोगे, तो मैं तुम्हें तीन सुनहरी बातें सिखाऊँगी। पहली बात: कभी भी बीते समय के बारे में पछतावा मत करो। दूसरी बात: जो तुम्हारे पास नहीं है, उसके लिए कभी दुखी मत हो। और तीसरी बात: झूठी उम्मीदों के पीछे मत भागो।"
चिड़िया ने कहा, "यदि तुम मुझे छोड़ दोगे, तो मैं तुम्हें तीन सुनहरी बातें सिखाऊँगी। पहली बात: कभी भी बीते समय के बारे में पछतावा मत करो। दूसरी बात: जो तुम्हारे पास नहीं है, उसके लिए कभी दुखी मत हो। और तीसरी बात: झूठी उम्मीदों के पीछे मत भागो।"
चारों मित्र ठहर गए और सोचने लगे, "धन से ज्यादा जरूरी क्या हो सकता है?" लेकिन फिर उन्होंने सोचा, "चलो सुनते हैं, क्या कहती है।"
चारों मित्र ठहर गए और सोचने लगे, "धन से ज्यादा जरूरी क्या हो सकता है?" लेकिन फिर उन्होंने सोचा, "चलो सुनते हैं, क्या कहती है।"
चारों मित्र ठहर गए और सोचने लगे, "धन से ज्यादा जरूरी क्या हो सकता है?" लेकिन फिर उन्होंने सोचा, "चलो सुनते हैं, क्या कहती है।"
चारों मित्र ठहर गए और सोचने लगे, "धन से ज्यादा जरूरी क्या हो सकता है?" लेकिन फिर उन्होंने सोचा, "चलो सुनते हैं, क्या कहती है।"
वे चारों मिलकर उस चिड़िया को पकड़ने जंगल में गए। बहुत खोजने के बाद, आखिरकार उन्होंने उस सुनहरी पंख वाली चिड़िया को एक पेड़ पर देखा। वे उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाने लगे। तभी चिड़िया बोली, "हे मित्रों, मुझे पकड़ने की कोशिश मत करो। मैं तुम्हें एक सुनहरी सीख दूँगी, जो तुम्हारी जिंदगी बदल देगी।"
वे चारों मिलकर उस चिड़िया को पकड़ने जंगल में गए। बहुत खोजने के बाद, आखिरकार उन्होंने उस सुनहरी पंख वाली चिड़िया को एक पेड़ पर देखा। वे उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाने लगे। तभी चिड़िया बोली, "हे मित्रों, मुझे पकड़ने की कोशिश मत करो। मैं तुम्हें एक सुनहरी सीख दूँगी, जो तुम्हारी जिंदगी बदल देगी।"
वे चारों मिलकर उस चिड़िया को पकड़ने जंगल में गए। बहुत खोजने के बाद, आखिरकार उन्होंने उस सुनहरी पंख वाली चिड़िया को एक पेड़ पर देखा। वे उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाने लगे। तभी चिड़िया बोली, "हे मित्रों, मुझे पकड़ने की कोशिश मत करो। मैं तुम्हें एक सुनहरी सीख दूँगी, जो तुम्हारी जिंदगी बदल देगी।"
बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में चार मित्र रहते थे। वे एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे और हमेशा साथ रहते थे। एक दिन उन्हें पता चला कि पास के जंगल में एक सुनहरी पंख वाली चिड़िया रहती है। वे चारों सोचने लगे, "अगर हम उस चिड़िया को पकड़ लें, तो हम राजा के पास ले जाकर उसे बेच सकते हैं और खूब सारा धन कमा सकते हैं।"
बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में चार मित्र रहते थे। वे एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे और हमेशा साथ रहते थे। एक दिन उन्हें पता चला कि पास के जंगल में एक सुनहरी पंख वाली चिड़िया रहती है। वे चारों सोचने लगे, "अगर हम उस चिड़िया को पकड़ लें, तो हम राजा के पास ले जाकर उसे बेच सकते हैं और खूब सारा धन कमा सकते हैं।"
बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में चार मित्र रहते थे। वे एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे और हमेशा साथ रहते थे। एक दिन उन्हें पता चला कि पास के जंगल में एक सुनहरी पंख वाली चिड़िया रहती है। वे चारों सोचने लगे, "अगर हम उस चिड़िया को पकड़ लें, तो हम राजा के पास ले जाकर उसे बेच सकते हैं और खूब सारा धन कमा सकते हैं।"
बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में चार मित्र रहते थे। वे एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे और हमेशा साथ रहते थे। एक दिन उन्हें पता चला कि पास के जंगल में एक सुनहरी पंख वाली चिड़िया रहती है। वे चारों सोचने लगे, "अगर हम उस चिड़िया को पकड़ लें, तो हम राजा के पास ले जाकर उसे बेच सकते हैं और खूब सारा धन कमा सकते हैं।"
एक दिन, ब्राह्मण जंगल में लकड़ी काट रहे थे। अचानक उन्हें एक सोने की बाल्टी मिली। ब्राह्मण ने सोचा कि यह बहुत अच्छा मौका है और उन्होंने सोने की बाल्टी अपने घर ले जाने का निर्णय किया।**