एक छोटी गिलहरी काँटेदार झाड़ी में फँस गई थी। बिना कोई देरी किए, अर्जुन ने धीरे-धीरे गिलहरी को झाड़ी से बाहर निकाला। गिलहरी बहुत खुश हुई और चहचहाते हुए अर्जुन के कंधे पर चढ़ गई। अर्जुन ने उसका नाम चिंटू रखा, और वे दोनों जल्दी ही अच्छे दोस्त बन गए।
एक छोटी गिलहरी काँटेदार झाड़ी में फँस गई थी। बिना कोई देरी किए, अर्जुन ने धीरे-धीरे गिलहरी को झाड़ी से बाहर निकाला। गिलहरी बहुत खुश हुई और चहचहाते हुए अर्जुन के कंधे पर चढ़ गई। अर्जुन ने उसका नाम चिंटू रखा, और वे दोनों जल्दी ही अच्छे दोस्त बन गए।
जंगल के किनारे एक छोटा सा गाँव था, जहाँ एक बंदर रहता था। उसका नाम मंजी था। मंजी को गुब्बारों से बहुत प्यार था। जब भी गाँव में मेला लगता, वह गुब्बारे बेचने वाले के पास जाकर रंग-बिरंगे गुब्बारे देखता और सोचता, "काश! मेरे पास भी इतने सारे गुब्बारे होते।"
जंगल के किनारे एक छोटा सा गाँव था, जहाँ एक बंदर रहता था। उसका नाम मंजी था। मंजी को गुब्बारों से बहुत प्यार था। जब भी गाँव में मेला लगता, वह गुब्बारे बेचने वाले के पास जाकर रंग-बिरंगे गुब्बारे देखता और सोचता, "काश! मेरे पास भी इतने सारे गुब्बारे होते।"
जंगल के किनारे एक छोटा सा गाँव था, जहाँ एक बंदर रहता था। उसका नाम मंजी था। मंजी को गुब्बारों से बहुत प्यार था। जब भी गाँव में मेला लगता, वह गुब्बारे बेचने वाले के पास जाकर रंग-बिरंगे गुब्बारे देखता और सोचता, "काश! मेरे पास भी इतने सारे गुब्बारे होते।"
जंगल के किनारे एक छोटा सा गाँव था, जहाँ एक बंदर रहता था। उसका नाम मंजी था। मंजी को गुब्बारों से बहुत प्यार था। जब भी गाँव में मेला लगता, वह गुब्बारे बेचने वाले के पास जाकर रंग-बिरंगे गुब्बारे देखता और सोचता, "काश! मेरे पास भी इतने सारे गुब्बारे होते।"
जंगल के किनारे एक छोटा सा गाँव था, जहाँ एक बंदर रहता था। उसका नाम मंजी था। मंजी को गुब्बारों से बहुत प्यार था। जब भी गाँव में मेला लगता, वह गुब्बारे बेचने वाले के पास जाकर रंग-बिरंगे गुब्बारे देखता और सोचता, "काश! मेरे पास भी इतने सारे गुब्बारे होते।"
राहत मिली जब उसने देखा कि उसके सभी दोस्त सुरक्षित थे। चिंटू गिलहरी, बambi हिरण, खरगोश और यहां तक कि बूढ़ा उल्लू, सभी एक बड़े गुफा में शरण लिए हुए थे। वे जानते थे कि अर्जुन उनकी चिंता करेगा और वह उन्हें देखने जरूर आएगा।
राहत मिली जब उसने देखा कि उसके सभी दोस्त सुरक्षित थे। चिंटू गिलहरी, बambi हिरण, खरगोश और यहां तक कि बूढ़ा उल्लू, सभी एक बड़े गुफा में शरण लिए हुए थे। वे जानते थे कि अर्जुन उनकी चिंता करेगा और वह उन्हें देखने जरूर आएगा।
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उस दिन से अर्जुन और उसके जंगल के दोस्तों के बीच का रिश्ता और भी मजबूत हो गया। वे जानते थे कि वे हमेशा एक-दूसरे पर भरोसा कर सकते हैं, चाहे कुछ भी हो जाए। छोटे लड़के और जानवरों ने जंगल की सुंदरता को साझा करते हुए खुशी-खुशी जीवन बिताया, और उनकी दोस्ती हमेशा के लिए कायम रही।
उस दिन से अर्जुन और उसके जंगल के दोस्तों के बीच का रिश्ता और भी मजबूत हो गया। वे जानते थे कि वे हमेशा एक-दूसरे पर भरोसा कर सकते हैं, चाहे कुछ भी हो जाए। छोटे लड़के और जानवरों ने जंगल की सुंदरता को साझा करते हुए खुशी-खुशी जीवन बिताया, और उनकी दोस्ती हमेशा के लिए कायम रही।
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उस दिन से अर्जुन और उसके जंगल के दोस्तों के बीच का रिश्ता और भी मजबूत हो गया। वे जानते थे कि वे हमेशा एक-दूसरे पर भरोसा कर सकते हैं, चाहे कुछ भी हो जाए। छोटे लड़के और जानवरों ने जंगल की सुंदरता को साझा करते हुए खुशी-खुशी जीवन बिताया, और उनकी दोस्ती हमेशा के लिए कायम रही।
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उसे राहत मिली जब उसने देखा कि उसके सभी दोस्त सुरक्षित थे। चिंटू गिलहरी, बambi हिरण, खरगोश और यहां तक कि बूढ़ा उल्लू, सभी एक बड़े गुफा में शरण लिए हुए थे। वे जानते थे कि अर्जुन उनकी चिंता करेगा और वह उन्हें देखने जरूर आएगा।
राहत मिली जब उसने देखा कि उसके सभी दोस्त सुरक्षित थे। चिंटू गिलहरी, बambi हिरण, खरगोश और यहां तक कि बूढ़ा उल्लू, सभी एक बड़े गुफा में शरण लिए हुए थे। वे जानते थे कि अर्जुन उनकी चिंता करेगा और वह उन्हें देखने जरूर आएगा।
राहत मिली जब उसने देखा कि उसके सभी दोस्त सुरक्षित थे। चिंटू गिलहरी, बambi हिरण, खरगोश और यहां तक कि बूढ़ा उल्लू, सभी एक बड़े गुफा में शरण लिए हुए थे। वे जानते थे कि अर्जुन उनकी चिंता करेगा और वह उन्हें देखने जरूर आएगा।
एक दिन, गाँव में भयानक तूफान आया। हवा जोर-जोर से चल रही थी और पेड़ खतरनाक रूप से हिल रहे थे। अर्जुन घर में सुरक्षित था, लेकिन उसे अपने जंगल के दोस्तों की चिंता हो रही थी। जैसे ही तूफान थमा, अर्जुन तुरंत जंगल की ओर भागा।
एक दिन, गाँव में भयानक तूफान आया। हवा जोर-जोर से चल रही थी और पेड़ खतरनाक रूप से हिल रहे थे। अर्जुन घर में सुरक्षित था, लेकिन उसे अपने जंगल के दोस्तों की चिंता हो रही थी। जैसे ही तूफान थमा, अर्जुन तुरंत जंगल की ओर भागा।
एक दिन, गाँव में भयानक तूफान आया। हवा जोर-जोर से चल रही थी और पेड़ खतरनाक रूप से हिल रहे थे। अर्जुन घर में सुरक्षित था, लेकिन उसे अपने जंगल के दोस्तों की चिंता हो रही थी। जैसे ही तूफान थमा, अर्जुन तुरंत जंगल की ओर भागा।
राहुल ने बगीचे को सुंदर बनाने का निश्चय किया। उसने हर दिन बगीचे की देखभाल की, पानी दिया और पौधों को उगाने का प्रयास किया। धीरे-धीरे बगीचा खिल उठा और उसकी सुंदरता वापस लौट आई।
राहुल ने बगीचे को सुंदर बनाने का निश्चय किया। उसने हर दिन बगीचे की देखभाल की, पानी दिया और पौधों को उगाने का प्रयास किया। धीरे-धीरे बगीचा खिल उठा और उसकी सुंदरता वापस लौट आई।
राहुल ने बगीचे को सुंदर बनाने का निश्चय किया। उसने हर दिन बगीचे की देखभाल की, पानी दिया और पौधों को उगाने का प्रयास किया। धीरे-धीरे बगीचा खिल उठा और उसकी सुंदरता वापस लौट आई।
उसने ताले को खोला और अंदर प्रवेश किया। अंदर का दृश्य देख कर वह हैरान रह गया—वह बगीचा रंग-बिरंगे फूलों, हरे-भरे पेड़ों और चमकदार फलों से भरा हुआ था। लेकिन बगीचा काफी बेजान और सूखा लग रहा था।
उसने ताले को खोला और अंदर प्रवेश किया। अंदर का दृश्य देख कर वह हैरान रह गया—वह बगीचा रंग-बिरंगे फूलों, हरे-भरे पेड़ों और चमकदार फलों से भरा हुआ था। लेकिन बगीचा काफी बेजान और सूखा लग रहा था।
उसने ताले को खोला और अंदर प्रवेश किया। अंदर का दृश्य देख कर वह हैरान रह गया—वह बगीचा रंग-बिरंगे फूलों, हरे-भरे पेड़ों और चमकदार फलों से भरा हुआ था। लेकिन बगीचा काफी बेजान और सूखा लग रहा था।
राहुल ने सोचा, "इस बगीचे को ठीक करके मैं इसे सुंदर बना सकता हूँ।" उसने ताले को खोला और अंदर प्रवेश किया। अंदर का दृश्य देख कर वह हैरान रह गया—वह बगीचा रंग-बिरंगे फूलों, हरे-भरे पेड़ों और चमकदार फलों से भरा हुआ था। लेकिन बगीचा काफी बेजान और सूखा लग रहा था।
राहुल ने सोचा, "इस बगीचे को ठीक करके मैं इसे सुंदर बना सकता हूँ।" उसने ताले को खोला और अंदर प्रवेश किया। अंदर का दृश्य देख कर वह हैरान रह गया—वह बगीचा रंग-बिरंगे फूलों, हरे-भरे पेड़ों और चमकदार फलों से भरा हुआ था। लेकिन बगीचा काफी बेजान और सूखा लग रहा था।
राहुल ने सोचा, "इस बगीचे को ठीक करके मैं इसे सुंदर बना सकता हूँ।" उसने ताले को खोला और अंदर प्रवेश किया। अंदर का दृश्य देख कर वह हैरान रह गया—वह बगीचा रंग-बिरंगे फूलों, हरे-भरे पेड़ों और चमकदार फलों से भरा हुआ था। लेकिन बगीचा काफी बेजान और सूखा लग रहा था।
राहुल ने सोचा, "इस बगीचे को ठीक करके मैं इसे सुंदर बना सकता हूँ।" उसने ताले को खोला और अंदर प्रवेश किया। अंदर का दृश्य देख कर वह हैरान रह गया—वह बगीचा रंग-बिरंगे फूलों, हरे-भरे पेड़ों और चमकदार फलों से भरा हुआ था। लेकिन बगीचा काफी बेजान और सूखा लग रहा था।
एक छोटे से गाँव में राहुल नाम का एक लड़का रहता था। राहुल को बगीचों और पेड़ों से बहुत प्यार था। एक दिन, जब वह अपने घर के पास खेल रहा था, उसने एक पुराना और सुन्दर बगीचा देखा, जो बहुत ही उपेक्षित और भयानक लग रहा था। बगीचे में एक पुराना ताला लगा हुआ था।
एक छोटे से गाँव में राहुल नाम का एक लड़का रहता था। राहुल को बगीचों और पेड़ों से बहुत प्यार था। एक दिन, जब वह अपने घर के पास खेल रहा था, उसने एक पुराना और सुन्दर बगीचा देखा, जो बहुत ही उपेक्षित और भयानक लग रहा था। बगीचे में एक पुराना ताला लगा हुआ था।
एक छोटे से गाँव में राहुल नाम का एक लड़का रहता था। राहुल को बगीचों और पेड़ों से बहुत प्यार था। एक दिन, जब वह अपने घर के पास खेल रहा था, उसने एक पुराना और सुन्दर बगीचा देखा, जो बहुत ही उपेक्षित और भयानक लग रहा था। बगीचे में एक पुराना ताला लगा हुआ था।
सोनू ने महसूस किया कि यह फोल्डर सचमुच दैवीय था। एक दिन, सोनू का परीक्षा थी और उसने बहुत मेहनत की थी। लेकिन परीक्षा के दिन, वह अपने महत्वपूर्ण नोट्स को ढूंढने में परेशान हो गया। उसने सोचा कि शायद फोल्डर उसकी मदद कर सकता है।
सोनू ने महसूस किया कि यह फोल्डर सचमुच दैवीय था। एक दिन, सोनू का परीक्षा थी और उसने बहुत मेहनत की थी। लेकिन परीक्षा के दिन, वह अपने महत्वपूर्ण नोट्स को ढूंढने में परेशान हो गया। उसने सोचा कि शायद फोल्डर उसकी मदद कर सकता है।
सोनू ने महसूस किया कि यह फोल्डर सचमुच दैवीय था। एक दिन, सोनू का परीक्षा थी और उसने बहुत मेहनत की थी। लेकिन परीक्षा के दिन, वह अपने महत्वपूर्ण नोट्स को ढूंढने में परेशान हो गया। उसने सोचा कि शायद फोल्डर उसकी मदद कर सकता है।