सोनू ने फोल्डर को ध्यान से देखा। यह फोल्डर साधारण से अधिक चमकदार और सुंदर था। जब सोनू ने फोल्डर का उपयोग किया, तो उसने देखा कि यह अपने आप किताबें और नोट्स को सही जगह पर व्यवस्थित कर देता था। अगर कोई किताब खो जाती, तो फोल्डर उसे खोजकर सही जगह पर रख देता था।
सोनू ने फोल्डर को ध्यान से देखा। यह फोल्डर साधारण से अधिक चमकदार और सुंदर था। जब सोनू ने फोल्डर का उपयोग किया, तो उसने देखा कि यह अपने आप किताबें और नोट्स को सही जगह पर व्यवस्थित कर देता था। अगर कोई किताब खो जाती, तो फोल्डर उसे खोजकर सही जगह पर रख देता था।
सोनू ने फोल्डर को ध्यान से देखा। यह फोल्डर साधारण से अधिक चमकदार और सुंदर था। जब सोनू ने फोल्डर का उपयोग किया, तो उसने देखा कि यह अपने आप किताबें और नोट्स को सही जगह पर व्यवस्थित कर देता था। अगर कोई किताब खो जाती, तो फोल्डर उसे खोजकर सही जगह पर रख देता था।
सोनू ने फोल्डर को ध्यान से देखा। यह फोल्डर साधारण से अधिक चमकदार और सुंदर था। जब सोनू ने फोल्डर का उपयोग किया, तो उसने देखा कि यह अपने आप किताबें और नोट्स को सही जगह पर व्यवस्थित कर देता था। अगर कोई किताब खो जाती, तो फोल्डर उसे खोजकर सही जगह पर रख देता था।
एक बार की बात है, सोनू नाम का एक लड़का अपनी पढ़ाई में बहुत अच्छा था, लेकिन उसे अपनी किताबें और नोट्स हमेशा इधर-उधर बिखरे हुए मिलते थे। उसकी माँ ने उसे एक नया फोल्डर दिया और कहा, "यह फोल्डर बहुत खास है। इसे सही से संभालो।"
एक बार की बात है, सोनू नाम का एक लड़का अपनी पढ़ाई में बहुत अच्छा था, लेकिन उसे अपनी किताबें और नोट्स हमेशा इधर-उधर बिखरे हुए मिलते थे। उसकी माँ ने उसे एक नया फोल्डर दिया और कहा, "यह फोल्डर बहुत खास है। इसे सही से संभालो।"
एक बार की बात है, सोनू नाम का एक लड़का अपनी पढ़ाई में बहुत अच्छा था, लेकिन उसे अपनी किताबें और नोट्स हमेशा इधर-उधर बिखरे हुए मिलते थे। उसकी माँ ने उसे एक नया फोल्डर दिया और कहा, "यह फोल्डर बहुत खास है। इसे सही से संभालो।"
एक बार की बात है, सोनू नाम का एक लड़का अपनी पढ़ाई में बहुत अच्छा था, लेकिन उसे अपनी किताबें और नोट्स हमेशा इधर-उधर बिखरे हुए मिलते थे। उसकी माँ ने उसे एक नया फोल्डर दिया और कहा, "यह फोल्डर बहुत खास है। इसे सही से संभालो।"
बकरी ने देखा कि सुअर के कारण खेत का आनंद समाप्त हो गया है। उसने सोचा कि वह बबलू को समझाने की कोशिश करेगी। एक दिन, पिंकी ने सुअर से कहा, "सुअर तुम जानवरों को परेशान कर रहे हो। क्यों न हम सब मिलकर खेलें और खेत को खुशी से भर दें?"
बकरी ने देखा कि सुअर के कारण खेत का आनंद समाप्त हो गया है। उसने सोचा कि वह बबलू को समझाने की कोशिश करेगी। एक दिन, पिंकी ने सुअर से कहा, "सुअर तुम जानवरों को परेशान कर रहे हो। क्यों न हम सब मिलकर खेलें और खेत को खुशी से भर दें?"
बकरी ने देखा कि सुअर के कारण खेत का आनंद समाप्त हो गया है। उसने सोचा कि वह बबलू को समझाने की कोशिश करेगी। एक दिन, पिंकी ने सुअर से कहा, "सुअर तुम जानवरों को परेशान कर रहे हो। क्यों न हम सब मिलकर खेलें और खेत को खुशी से भर दें?"
एक दिन, खेत में एक नया जानवर आया, एक बड़ा और मोटा सुअर जिसका नाम बबलू था। बबलू बहुत आलसी और खुदगर्ज था। वह खेत के हर कोने में अपनी दावत मनाने लगा और बाकी जानवरों को परेशान करने लगा।
एक दिन, खेत में एक नया जानवर आया, एक बड़ा और मोटा सुअर जिसका नाम बबलू था। बबलू बहुत आलसी और खुदगर्ज था। वह खेत के हर कोने में अपनी दावत मनाने लगा और बाकी जानवरों को परेशान करने लगा।
एक दिन, खेत में एक नया जानवर आया, एक बड़ा और मोटा सुअर जिसका नाम बबलू था। बबलू बहुत आलसी और खुदगर्ज था। वह खेत के हर कोने में अपनी दावत मनाने लगा और बाकी जानवरों को परेशान करने लगा।
एक दिन, खेत में एक नया जानवर आया, एक बड़ा और मोटा सुअर जिसका नाम बबलू था। बबलू बहुत आलसी और खुदगर्ज था। वह खेत के हर कोने में अपनी दावत मनाने लगा और बाकी जानवरों को परेशान करने लगा।
मोहन की भेड़ों पर हमला कर दिया, और मोहन कुछ नहीं कर सका।
मोहन की भेड़ों पर हमला कर दिया, और मोहन कुछ नहीं कर सका।
कुछ दिनों बाद, सच में एक शेर आ गया। मोहन ने घबराते हुए जोर से चिल्लाया, "बचाओ! शेर आ गया!" लेकिन इस बार गाँव के लोगों ने उसकी बात पर विश्वास नहीं किया, क्योंकि वह पहले भी झूठ बोल चुका था। शेर ने मोहन की भेड़ों पर हमला कर दिया, और मोहन कुछ नहीं कर सका।
कुछ दिनों बाद, सच में एक शेर आ गया। मोहन ने घबराते हुए जोर से चिल्लाया, "बचाओ! शेर आ गया!" लेकिन इस बार गाँव के लोगों ने उसकी बात पर विश्वास नहीं किया, क्योंकि वह पहले भी झूठ बोल चुका था। शेर ने मोहन की भेड़ों पर हमला कर दिया, और मोहन कुछ नहीं कर सका।
कुछ दिनों बाद, सच में एक शेर आ गया। मोहन ने घबराते हुए जोर से चिल्लाया, "बचाओ! शेर आ गया!" लेकिन इस बार गाँव के लोगों ने उसकी बात पर विश्वास नहीं किया, क्योंकि वह पहले भी झूठ बोल चुका था। शेर ने मोहन की भेड़ों पर हमला कर दिया, और मोहन कुछ नहीं कर सका।
एक दिन, खेत में एक नया जानवर आया, एक बड़ा और मोटा सुअर जिसका नाम बबलू था। बबलू बहुत आलसी और खुदगर्ज था। वह खेत के हर कोने में अपनी दावत मनाने लगा और बाकी जानवरों को परेशान करने लगा।
एक बार की बात है, एक हरे-भरे खेत में एक छोटी बकरी रहती थी जिसका नाम पिंकी था। पिंकी बहुत प्यारी और चंचल थी, और वह खेत में खेलना बहुत पसंद करती थी। उसके पास एक प्यारा सा गिलास था जिससे वह पानी पीती थी।
एक बार की बात है, एक हरे-भरे खेत में एक छोटी बकरी रहती थी जिसका नाम पिंकी था। पिंकी बहुत प्यारी और चंचल थी, और वह खेत में खेलना बहुत पसंद करती थी। उसके पास एक प्यारा सा गिलास था जिससे वह पानी पीती थी।
एक बार की बात है, एक हरे-भरे खेत में एक छोटी बकरी रहती थी जिसका नाम पिंकी था। पिंकी बहुत प्यारी और चंचल थी, और वह खेत में खेलना बहुत पसंद करती थी। उसके पास एक प्यारा सा गिलास था जिससे वह पानी पीती थी।
एक बार की बात है, एक हरे-भरे खेत में एक छोटी बकरी रहती थी जिसका नाम पिंकी था। पिंकी बहुत प्यारी और चंचल थी, और वह खेत में खेलना बहुत पसंद करती थी। उसके पास एक प्यारा सा गिलास था जिससे वह पानी पीती थी।
तोता ने उसकी बात नहीं मानी और आराम करता रहा। कुछ ही दिनों बाद बारिश का मौसम आ गया। तेज़ हवाओं और बारिश के कारण तोता का घोंसला टूट गया। वह घबरा गया और सोचने लगा, "काश, मैंने भी चिड़िया की तरह मेहनत की होती।"
तोता ने उसकी बात नहीं मानी और आराम करता रहा। कुछ ही दिनों बाद बारिश का मौसम आ गया। तेज़ हवाओं और बारिश के कारण तोता का घोंसला टूट गया। वह घबरा गया और सोचने लगा, "काश, मैंने भी चिड़िया की तरह मेहनत की होती।"
तोता ने उसकी बात नहीं मानी और आराम करता रहा। कुछ ही दिनों बाद बारिश का मौसम आ गया। तेज़ हवाओं और बारिश के कारण तोता का घोंसला टूट गया। वह घबरा गया और सोचने लगा, "काश, मैंने भी चिड़िया की तरह मेहनत की होती।"
तोता ने उसकी बात नहीं मानी और आराम करता रहा। कुछ ही दिनों बाद बारिश का मौसम आ गया। तेज़ हवाओं और बारिश के कारण तोता का घोंसला टूट गया। वह घबरा गया और सोचने लगा, "काश, मैंने भी चिड़िया की तरह मेहनत की होती।"
तोता ने उसकी बात नहीं मानी और आराम करता रहा। कुछ ही दिनों बाद बारिश का मौसम आ गया। तेज़ हवाओं और बारिश के कारण तोता का घोंसला टूट गया। वह घबरा गया और सोचने लगा, "काश, मैंने भी चिड़िया की तरह मेहनत की होती।"
तोता ने उसकी बात नहीं मानी और आराम करता रहा। कुछ ही दिनों बाद बारिश का मौसम आ गया। तेज़ हवाओं और बारिश के कारण तोता का घोंसला टूट गया। वह घबरा गया और सोचने लगा, "काश, मैंने भी चिड़िया की तरह मेहनत की होती।"
दूसरी ओर, चिड़ियां का घोंसला मजबूत था और बारिश में भी सुरक्षित रहा। तोता ने चिड़िया से माफी मांगी और उससे कहा, "तुम सही थीं। मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है। अब मैं भी तुम्हारी तरह मेहनत करूंगा।"
दूसरी ओर, चिड़ियां का घोंसला मजबूत था और बारिश में भी सुरक्षित रहा। तोता ने चिड़िया से माफी मांगी और उससे कहा, "तुम सही थीं। मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है। अब मैं भी तुम्हारी तरह मेहनत करूंगा।"
दूसरी ओर, चिड़ियां का घोंसला मजबूत था और बारिश में भी सुरक्षित रहा। तोता ने चिड़िया से माफी मांगी और उससे कहा, "तुम सही थीं। मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है। अब मैं भी तुम्हारी तरह मेहनत करूंगा।"
दूसरी ओर, चिड़ियां का घोंसला मजबूत था और बारिश में भी सुरक्षित रहा। तोता ने चिड़िया से माफी मांगी और उससे कहा, "तुम सही थीं। मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है। अब मैं भी तुम्हारी तरह मेहनत करूंगा।"
दूसरी ओर, चिड़ियां का घोंसला मजबूत था और बारिश में भी सुरक्षित रहा। तोता ने चिड़िया से माफी मांगी और उससे कहा, "तुम सही थीं। मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है। अब मैं भी तुम्हारी तरह मेहनत करूंगा।"
तोता ने उसकी बात नहीं मानी और आराम करता रहा। कुछ ही दिनों बाद बारिश का मौसम आ गया। तेज़ हवाओं और बारिश के कारण मोहन का घोंसला टूट गया। वह घबरा गया और सोचने लगा, "काश, मैंने भी चिड़िया की तरह मेहनत की होती।"