दरवाजे के पास, एक भयानक हंसी के साथ भुतनी की छाया।
दरवाजे के पास, एक भयानक हंसी के साथ भुतनी की छाया।
दरवाजे के पास, एक भयानक हंसी के साथ भुतनी की छाया।
दरवाजे के पास, एक भयानक हंसी के साथ भुतनी की छाया।
कोशिशों के बावजूद बंद होता जा रहा है दरवाजा
कोशिशों के बावजूद बंद होता जा रहा है दरवाजा
दरवाजे का बंद होना**: हवेली का दरवाजा, जो विक्रम की सभी कोशिशों के बावजूद बंद होता जा रहा है
दरवाजे का बंद होना**: हवेली का दरवाजा, जो विक्रम की सभी कोशिशों के बावजूद बंद होता जा रहा है
पास आ रही चीखें, आदमी कानो में सुनाई देती हैं
पास आ रही चीखें, आदमी कानो में सुनाई देती हैं
पैरेड चीखें**: पास आ रही चीखें, जो विक्रम के कानों में सुनाई देती हैं
पैरेड चीखें**: पास आ रही चीखें, जो विक्रम के कानों में सुनाई देती हैं
अजीब स्याह दीवारें**: हवेली की दीवारें, जो अजीब स्याह रंग की हो गई हैं।
अजीब स्याह दीवारें**: हवेली की दीवारें, जो अजीब स्याह रंग की हो गई हैं।
एक दर्दनाक अभिव्यक्ति वाली महिला की आकृति, हवा में गुम हो रही
एक दर्दनाक अभिव्यक्ति वाली महिला की आकृति, हवा में गुम हो रही
भयानक महिला आकृति**: एक दर्दनाक अभिव्यक्ति वाली महिला की आकृति, हवा में गुम हो रही
भयानक महिला आकृति**: एक दर्दनाक अभिव्यक्ति वाली महिला की आकृति, हवा में गुम हो रही
फ्लैश लाइट की किरण**: विक्रम की फ्लैश लाइट से एक रहस्यमय महिला आकृति उजागर होती हुई।
फ्लैश लाइट की किरण**: विक्रम की फ्लैश लाइट से एक रहस्यमय महिला आकृति उजागर होती हुई।
बंद कमरे में आदमी कि चिंखे
बंद कमरे में आदमी कि चिंखे
चीख की आवाज**: अंधेरे में एक धीमी, मर्मस्पर्शी चीख की कल्पना
चीख की आवाज**: अंधेरे में एक धीमी, मर्मस्पर्शी चीख की कल्पना
एक आदमी कै हाथ टार्च है अंधेरे कमरे में खड़ा
एक आदमी कै हाथ टार्च है अंधेरे कमरे में खड़ा
ठंडी हवा की लहर**: हवेली में ठंडी हवा जो विक्रम की टॉर्च को बुझा देती है।
ठंडी हवा की लहर**: हवेली में ठंडी हवा जो विक्रम की टॉर्च को बुझा देती है।
ठंडी हवा की लहर**: हवेली में ठंडी हवा जो विक्रम की टॉर्च को बुझा देती है।
ठंडी हवा की लहर**: हवेली में ठंडी हवा जो विक्रम की टॉर्च को बुझा देती है।
हवेली की दीवारें**: पुरानी और जर्जर दीवारें, जिनसे अजीब आवाजें आ रही हैं।
हवेली की दीवारें**: पुरानी और जर्जर दीवारें, जिनसे अजीब आवाजें आ रही हैं।
हवेली के अंधेरे में विक्रम**: विक्रम अपनी टॉर्च की रोशनी में हवेली के भीतर धीरे-धीरे बढ़ते हुए।
हवेली के अंधेरे में विक्रम**: विक्रम अपनी टॉर्च की रोशनी में हवेली के भीतर धीरे-धीरे बढ़ते हुए।
हवेली के अंधेरे में विक्रम**: विक्रम अपनी टॉर्च की रोशनी में हवेली के भीतर धीरे-धीरे बढ़ते हुए।
हवेली के अंधेरे में विक्रम**: विक्रम अपनी टॉर्च की रोशनी में हवेली के भीतर धीरे-धीरे बढ़ते हुए।
हवेली का दरवाजा खुलना**: हवेली का दरवाजा खुद-ब-खुद खुलते हुए, विक्रम के सामने।