रत्ना ने अपनी मशाल जलाई और तहखाने के गहरे हिस्सों में चलने लगी। वह लंबी संकरी गलियों, घुमावदार सीढ़ियों और अंधेरे कमरों से गुजरी। आखिरकार, वह उस स्थान पर पहुंची जहाँ खजाना छिपा हुआ था। सामने एक बड़ा पत्थर का दरवाजा था, जिस पर प्राचीन भाषा में कुछ लिखा हुआ था। रत्ना ने उस लेख को पढ़ा और समझने की कोशिश की।