चिप्पी ने लट्ठे को पार किया और नदी के दूसरी ओर पहुँच गई। लेकिन जब वह पुराने ओक के पेड़ के पास पहुँची, तो उसे याद नहीं रहा कि बाईं ओर मुड़ना है या दाईं ओर। "हम्म, यह बाईं तरफ था या दाईं तरफ?" उसने सोचा, लेकिन ज्यादा विचार किए बिना दाईं ओर मुड़ गई और आगे बढ़ गई।
चिप्पी ने लट्ठे को पार किया और नदी के दूसरी ओर पहुँच गई। लेकिन जब वह पुराने ओक के पेड़ के पास पहुँची, तो उसे याद नहीं रहा कि बाईं ओर मुड़ना है या दाईं ओर। "हम्म, यह बाईं तरफ था या दाईं तरफ?" उसने सोचा, लेकिन ज्यादा विचार किए बिना दाईं ओर मुड़ गई और आगे बढ़ गई।
चिप्पी ने लट्ठे को पार किया और नदी के दूसरी ओर पहुँच गई। लेकिन जब वह पुराने ओक के पेड़ के पास पहुँची, तो उसे याद नहीं रहा कि बाईं ओर मुड़ना है या दाईं ओर। "हम्म, यह बाईं तरफ था या दाईं तरफ?" उसने सोचा, लेकिन ज्यादा विचार किए बिना दाईं ओर मुड़ गई और आगे बढ़ गई।
पेड़ ने राधा की बात मानी और अगले ही पल पेड़ की शाखाओं से ढेर सारे फल और भोजन गिरने लगे। राधा ने वह सब गाँव वालों में बाँट दिया। गाँव के लोग बहुत खुश हुए और राधा की तारीफ करने लगे।
राधा बहुत खुश हो गई, लेकिन उसने कुछ भी माँगने से इनकार कर दिया। उसने कहा, "मुझे तो कुछ नहीं चाहिए। लेकिन अगर आप मेरी मदद करना ही चाहते हैं, तो हमारे गाँव में जो लोग भूखे हैं, उन्हें भोजन दे दीजिए।"
राधा बहुत खुश हो गई, लेकिन उसने कुछ भी माँगने से इनकार कर दिया। उसने कहा, "मुझे तो कुछ नहीं चाहिए। लेकिन अगर आप मेरी मदद करना ही चाहते हैं, तो हमारे गाँव में जो लोग भूखे हैं, उन्हें भोजन दे दीजिए।"
राधा बहुत खुश हो गई, लेकिन उसने कुछ भी माँगने से इनकार कर दिया। उसने कहा, "मुझे तो कुछ नहीं चाहिए। लेकिन अगर आप मेरी मदद करना ही चाहते हैं, तो हमारे गाँव में जो लोग भूखे हैं, उन्हें भोजन दे दीजिए।"
पेड़ ने कहा, "राधा, मैं एक जादुई पेड़ हूँ। तुम मेरी बहुत सेवा करती हो, इसलिए मैं तुम्हारी मदद करना चाहता हूँ। तुम जो चाहोगी, मैं तुम्हें वही दूँगा।"
पेड़ ने कहा, "राधा, मैं एक जादुई पेड़ हूँ। तुम मेरी बहुत सेवा करती हो, इसलिए मैं तुम्हारी मदद करना चाहता हूँ। तुम जो चाहोगी, मैं तुम्हें वही दूँगा।"
पेड़ ने कहा, "राधा, मैं एक जादुई पेड़ हूँ। तुम मेरी बहुत सेवा करती हो, इसलिए मैं तुम्हारी मदद करना चाहता हूँ। तुम जो चाहोगी, मैं तुम्हें वही दूँगा।"
एक दिन, राधा जंगल में लकड़ी लेने गई। वहाँ उसने एक पुराना और बड़ा पेड़ देखा। पेड़ बहुत ही सुंदर था, उसकी शाखाएँ सोने की तरह चमक रही थीं। राधा ने पेड़ के नीचे बैठकर आराम किया और अचानक उसे पेड़ की आवाज़ सुनाई दी।
एक दिन, राधा जंगल में लकड़ी लेने गई। वहाँ उसने एक पुराना और बड़ा पेड़ देखा। पेड़ बहुत ही सुंदर था, उसकी शाखाएँ सोने की तरह चमक रही थीं। राधा ने पेड़ के नीचे बैठकर आराम किया और अचानक उसे पेड़ की आवाज़ सुनाई दी।
एक दिन, राधा जंगल में लकड़ी लेने गई। वहाँ उसने एक पुराना और बड़ा पेड़ देखा। पेड़ बहुत ही सुंदर था, उसकी शाखाएँ सोने की तरह चमक रही थीं। राधा ने पेड़ के नीचे बैठकर आराम किया और अचानक उसे पेड़ की आवाज़ सुनाई दी।
**खुशियों का जादुई पेड़** बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक प्यारी सी लड़की रहती थी जिसका नाम राधा था। राधा बहुत दयालु और मासूम थी। वह हमेशा दूसरों की मदद करती थी और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करती थी। लेकिन राधा के दिल में एक दुख था। वह अपने माता-पिता के साथ बहुत खुश थी, लेकिन उनके पास बहुत ज्यादा पैसे नहीं थे।
**खुशियों का जादुई पेड़** बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक प्यारी सी लड़की रहती थी जिसका नाम राधा था। राधा बहुत दयालु और मासूम थी। वह हमेशा दूसरों की मदद करती थी और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करती थी। लेकिन राधा के दिल में एक दुख था। वह अपने माता-पिता के साथ बहुत खुश थी, लेकिन उनके पास बहुत ज्यादा पैसे नहीं थे।
**खुशियों का जादुई पेड़** बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक प्यारी सी लड़की रहती थी जिसका नाम राधा था। राधा बहुत दयालु और मासूम थी। वह हमेशा दूसरों की मदद करती थी और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करती थी। लेकिन राधा के दिल में एक दुख था। वह अपने माता-पिता के साथ बहुत खुश थी, लेकिन उनके पास बहुत ज्यादा पैसे नहीं थे।
**खुशियों का जादुई पेड़** बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक प्यारी सी लड़की रहती थी जिसका नाम राधा था। राधा बहुत दयालु और मासूम थी। वह हमेशा दूसरों की मदद करती थी और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करती थी। लेकिन राधा के दिल में एक दुख था। वह अपने माता-पिता के साथ बहुत खुश थी, लेकिन उनके पास बहुत ज्यादा पैसे नहीं थे।
एक समय की बात है, एक सुंदर जंगल में परियों का एक छोटा सा गाँव था। उस गाँव में हर प्रकार की परियां रहती थीं, जो तरह-तरह के कामों में माहिर थीं। वहाँ की सबसे प्यारी परी का नाम तारा था। तारा की एक खासियत थी, उसके पास एक जादुई फूल था, जो सबकी मनोकामनाएं पूरी कर सकता था
एक समय की बात है, एक सुंदर जंगल में परियों का एक छोटा सा गाँव था। उस गाँव में हर प्रकार की परियां रहती थीं, जो तरह-तरह के कामों में माहिर थीं। वहाँ की सबसे प्यारी परी का नाम तारा था। तारा की एक खासियत थी, उसके पास एक जादुई फूल था, जो सबकी मनोकामनाएं पूरी कर सकता था
इस तरह, तारा परी ने अपनी दया और जादू से लकड़हारे की जिंदगी बदल दी, और वे सभी खुशी-खुशी रहने लगे। कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चे दिल से की गई मदद और नेक काम का फल हमेशा अच्छा होता है।
इस तरह, तारा परी ने अपनी दया और जादू से लकड़हारे की जिंदगी बदल दी, और वे सभी खुशी-खुशी रहने लगे। कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चे दिल से की गई मदद और नेक काम का फल हमेशा अच्छा होता है।
इस तरह, तारा परी ने अपनी दया और जादू से लकड़हारे की जिंदगी बदल दी, और वे सभी खुशी-खुशी रहने लगे। कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चे दिल से की गई मदद और नेक काम का फल हमेशा अच्छा होता है।
इस तरह, तारा परी ने अपनी दया और जादू से लकड़हारे की जिंदगी बदल दी, और वे सभी खुशी-खुशी रहने लगे। कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चे दिल से की गई मदद और नेक काम का फल हमेशा अच्छा होता है।
इस तरह, तारा परी ने अपनी दया और जादू से लकड़हारे की जिंदगी बदल दी, और वे सभी खुशी-खुशी रहने लगे। कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चे दिल से की गई मदद और नेक काम का फल हमेशा अच्छा होता है।
जादुई फूल ने उसकी मनोकामना पूरी कर दी। लकड़हारा और उसका परिवार हमेशा सुखी रहे। उन्होंने तारा परी का धन्यवाद किया और उस जादुई फूल को संभाल कर रखा।
जादुई फूल ने उसकी मनोकामना पूरी कर दी। लकड़हारा और उसका परिवार हमेशा सुखी रहे। उन्होंने तारा परी का धन्यवाद किया और उस जादुई फूल को संभाल कर रखा।
जादुई फूल ने उसकी मनोकामना पूरी कर दी। लकड़हारा और उसका परिवार हमेशा सुखी रहे। उन्होंने तारा परी का धन्यवाद किया और उस जादुई फूल को संभाल कर रखा।
जादुई फूल ने उसकी मनोकामना पूरी कर दी। लकड़हारा और उसका परिवार हमेशा सुखी रहे। उन्होंने तारा परी का धन्यवाद किया और उस जादुई फूल को संभाल कर रखा।
लकड़हारा बहुत खुश हुआ और उसने तारा परी को धन्यवाद कहा। वह जल्दी से अपने घर पहुंचा और अपनी पत्नी को जादुई फूल के बारे में बताया। उसकी पत्नी ने जैसे ही फूल को छुआ, वह एकदम ठीक हो गई। लकड़हारे की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने उस जादुई फूल के पास बैठकर अपनी मनोकामना की कि उसके पास हमेशा खाने के लिए पर्याप्त अनाज हो, और वह अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी सके
लकड़हारा बहुत खुश हुआ और उसने तारा परी को धन्यवाद कहा। वह जल्दी से अपने घर पहुंचा और अपनी पत्नी को जादुई फूल के बारे में बताया। उसकी पत्नी ने जैसे ही फूल को छुआ, वह एकदम ठीक हो गई। लकड़हारे की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने उस जादुई फूल के पास बैठकर अपनी मनोकामना की कि उसके पास हमेशा खाने के लिए पर्याप्त अनाज हो, और वह अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी सके
लकड़हारा बहुत खुश हुआ और उसने तारा परी को धन्यवाद कहा। वह जल्दी से अपने घर पहुंचा और अपनी पत्नी को जादुई फूल के बारे में बताया। उसकी पत्नी ने जैसे ही फूल को छुआ, वह एकदम ठीक हो गई। लकड़हारे की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने उस जादुई फूल के पास बैठकर अपनी मनोकामना की कि उसके पास हमेशा खाने के लिए पर्याप्त अनाज हो, और वह अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी सके
लकड़हारा बहुत खुश हुआ और उसने तारा परी को धन्यवाद कहा। वह जल्दी से अपने घर पहुंचा और अपनी पत्नी को जादुई फूल के बारे में बताया। उसकी पत्नी ने जैसे ही फूल को छुआ, वह एकदम ठीक हो गई। लकड़हारे की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने उस जादुई फूल के पास बैठकर अपनी मनोकामना की कि उसके पास हमेशा खाने के लिए पर्याप्त अनाज हो, और वह अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी सके
फूल को लकड़हारे को दिया और कहा, "यह एक जादुई फूल है। इसे तुम अपनी पत्नी के पास ले जाओ और उसे कहो कि वह इस फूल को छुए। उसकी सारी बीमारी ठीक हो जाएगी। और तुम इसके पास बैठकर जो भी मनोकामना करोगे, वह पूरी हो जाएगी
फूल को लकड़हारे को दिया और कहा, "यह एक जादुई फूल है। इसे तुम अपनी पत्नी के पास ले जाओ और उसे कहो कि वह इस फूल को छुए। उसकी सारी बीमारी ठीक हो जाएगी। और तुम इसके पास बैठकर जो भी मनोकामना करोगे, वह पूरी हो जाएगी
फूल को लकड़हारे को दिया और कहा, "यह एक जादुई फूल है। इसे तुम अपनी पत्नी के पास ले जाओ और उसे कहो कि वह इस फूल को छुए। उसकी सारी बीमारी ठीक हो जाएगी। और तुम इसके पास बैठकर जो भी मनोकामना करोगे, वह पूरी हो जाएगी
तारा ने लकड़हारे से पूछा, "तुम इतने उदास क्यों हो? क्या मैं तुम्हारी कोई मदद कर सकती हूँ?" लकड़हारे ने अपनी सारी परेशानी तारा को बताई। तारा ने सोचा, "यह एक नेक दिल इंसान है। मुझे इसकी मदद करनी चाहिए।" तारा ने अपने जादुई फूल को लकड़हारे को दिया और कहा, "यह एक जादुई फूल है। इसे तुम अपनी पत्नी के पास ले जाओ और उसे कहो कि वह इस फूल को छुए। उसकी सारी बीमारी ठीक हो जाएगी। और तुम इसके पास बैठकर जो भी मनोकामना करोगे, वह पूरी हो जाएगी।"
तारा ने लकड़हारे से पूछा, "तुम इतने उदास क्यों हो? क्या मैं तुम्हारी कोई मदद कर सकती हूँ?" लकड़हारे ने अपनी सारी परेशानी तारा को बताई। तारा ने सोचा, "यह एक नेक दिल इंसान है। मुझे इसकी मदद करनी चाहिए।" तारा ने अपने जादुई फूल को लकड़हारे को दिया और कहा, "यह एक जादुई फूल है। इसे तुम अपनी पत्नी के पास ले जाओ और उसे कहो कि वह इस फूल को छुए। उसकी सारी बीमारी ठीक हो जाएगी। और तुम इसके पास बैठकर जो भी मनोकामना करोगे, वह पूरी हो जाएगी।"