बहुत समय पहले की बात है, एक घने जंगल में एक भूखा सियार घूम रहा था। कई दिनों से उसे कुछ खाने को नहीं मिला था, इसलिए वह बेहद कमजोर हो गया था। आखिरकार, उसे एक बड़े हाथी की मृत शरीर दिखाई दी। सियार बहुत खुश हुआ और तुरंत उसे खाने के लिए दौड़ पड़ा।
बहुत समय पहले की बात है, एक घने जंगल में एक भूखा सियार घूम रहा था। कई दिनों से उसे कुछ खाने को नहीं मिला था, इसलिए वह बेहद कमजोर हो गया था। आखिरकार, उसे एक बड़े हाथी की मृत शरीर दिखाई दी। सियार बहुत खुश हुआ और तुरंत उसे खाने के लिए दौड़ पड़ा।
भेड़िये ने सोचा, "यह बात तो सही है। पहले कांटा निकाल लेता हूँ, फिर इसे खाऊँगा।" भेड़िये ने गधे के पैर को ध्यान से देखा और जैसे ही वह कांटा निकालने के लिए झुका, गधे ने जोर से उसके सिर पर लात मारी और वहाँ से भाग गया।
भेड़िये ने सोचा, "यह बात तो सही है। पहले कांटा निकाल लेता हूँ, फिर इसे खाऊँगा।" भेड़िये ने गधे के पैर को ध्यान से देखा और जैसे ही वह कांटा निकालने के लिए झुका, गधे ने जोर से उसके सिर पर लात मारी और वहाँ से भाग गया।
भेड़िये ने सोचा, "यह बात तो सही है। पहले कांटा निकाल लेता हूँ, फिर इसे खाऊँगा।" भेड़िये ने गधे के पैर को ध्यान से देखा और जैसे ही वह कांटा निकालने के लिए झुका, गधे ने जोर से उसके सिर पर लात मारी और वहाँ से भाग गया।
भेड़िये ने सोचा, "यह बात तो सही है। पहले कांटा निकाल लेता हूँ, फिर इसे खाऊँगा।" भेड़िये ने गधे के पैर को ध्यान से देखा और जैसे ही वह कांटा निकालने के लिए झुका, गधे ने जोर से उसके सिर पर लात मारी और वहाँ से भाग गया।
गधा भेड़िये के पास गया और दर्द से कराहने लगा। भेड़िये ने पूछा, "तुम्हें क्या हुआ है?" गधे ने चालाकी से कहा, "मेरे पैर में एक कांटा चुभ गया है। अगर तुम मुझे खा लोगे, तो तुम्हारे पेट में वह कांटा भी चला जाएगा और तुम्हें बहुत तकलीफ होगी।"
गधा भेड़िये के पास गया और दर्द से कराहने लगा। भेड़िये ने पूछा, "तुम्हें क्या हुआ है?" गधे ने चालाकी से कहा, "मेरे पैर में एक कांटा चुभ गया है। अगर तुम मुझे खा लोगे, तो तुम्हारे पेट में वह कांटा भी चला जाएगा और तुम्हें बहुत तकलीफ होगी।"
गधा भेड़िये के पास गया और दर्द से कराहने लगा। भेड़िये ने पूछा, "तुम्हें क्या हुआ है?" गधे ने चालाकी से कहा, "मेरे पैर में एक कांटा चुभ गया है। अगर तुम मुझे खा लोगे, तो तुम्हारे पेट में वह कांटा भी चला जाएगा और तुम्हें बहुत तकलीफ होगी।"
गधा भेड़िये के पास गया और दर्द से कराहने लगा। भेड़िये ने पूछा, "तुम्हें क्या हुआ है?" गधे ने चालाकी से कहा, "मेरे पैर में एक कांटा चुभ गया है। अगर तुम मुझे खा लोगे, तो तुम्हारे पेट में वह कांटा भी चला जाएगा और तुम्हें बहुत तकलीफ होगी।"
गधा और मूर्ख भेड़िया एक बार की बात है, एक गधा जंगल में घास चर रहा था। अचानक, उसकी नजर एक भेड़िये पर पड़ी, जो उसे घूर रहा था। गधा समझ गया कि भेड़िया उसे खाने की सोच रहा है। गधे ने तुरंत अपनी बुद्धि का उपयोग करने का फैसला किया।
गधा और मूर्ख भेड़िया एक बार की बात है, एक गधा जंगल में घास चर रहा था। अचानक, उसकी नजर एक भेड़िये पर पड़ी, जो उसे घूर रहा था। गधा समझ गया कि भेड़िया उसे खाने की सोच रहा है। गधे ने तुरंत अपनी बुद्धि का उपयोग करने का फैसला किया।
गधा और मूर्ख भेड़िया एक बार की बात है, एक गधा जंगल में घास चर रहा था। अचानक, उसकी नजर एक भेड़िये पर पड़ी, जो उसे घूर रहा था। गधा समझ गया कि भेड़िया उसे खाने की सोच रहा है। गधे ने तुरंत अपनी बुद्धि का उपयोग करने का फैसला किया।
गधा और मूर्ख भेड़िया एक बार की बात है, एक गधा जंगल में घास चर रहा था। अचानक, उसकी नजर एक भेड़िये पर पड़ी, जो उसे घूर रहा था। गधा समझ गया कि भेड़िया उसे खाने की सोच रहा है। गधे ने तुरंत अपनी बुद्धि का उपयोग करने का फैसला किया।
भालू मोहन के पास आया, उसे सूंघा, और फिर वहाँ से चला गया, क्योंकि भालू मरे हुए इंसान को नहीं खाता। जब भालू वहाँ से चला गया, तो राहुल पेड़ से उतरकर मोहन के पास आया और हंसते हुए पूछा, "भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?" मोहन ने गुस्से में कहा, "भालू ने मुझे सलाह दी कि ऐसे दोस्तों से दूर रहो जो मुसीबत के समय तुम्हारा साथ छोड़ दें।" राहुल यह सुनकर शर्मिंदा हो गया और उसने मोहन से माफी मांगी।
भालू मोहन के पास आया, उसे सूंघा, और फिर वहाँ से चला गया, क्योंकि भालू मरे हुए इंसान को नहीं खाता। जब भालू वहाँ से चला गया, तो राहुल पेड़ से उतरकर मोहन के पास आया और हंसते हुए पूछा, "भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?" मोहन ने गुस्से में कहा, "भालू ने मुझे सलाह दी कि ऐसे दोस्तों से दूर रहो जो मुसीबत के समय तुम्हारा साथ छोड़ दें।" राहुल यह सुनकर शर्मिंदा हो गया और उसने मोहन से माफी मांगी।
भालू मोहन के पास आया, उसे सूंघा, और फिर वहाँ से चला गया, क्योंकि भालू मरे हुए इंसान को नहीं खाता। जब भालू वहाँ से चला गया, तो राहुल पेड़ से उतरकर मोहन के पास आया और हंसते हुए पूछा, "भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?" मोहन ने गुस्से में कहा, "भालू ने मुझे सलाह दी कि ऐसे दोस्तों से दूर रहो जो मुसीबत के समय तुम्हारा साथ छोड़ दें।" राहुल यह सुनकर शर्मिंदा हो गया और उसने मोहन से माफी मांगी।
भालू मोहन के पास आया, उसे सूंघा, और फिर वहाँ से चला गया, क्योंकि भालू मरे हुए इंसान को नहीं खाता। जब भालू वहाँ से चला गया, तो राहुल पेड़ से उतरकर मोहन के पास आया और हंसते हुए पूछा, "भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?" मोहन ने गुस्से में कहा, "भालू ने मुझे सलाह दी कि ऐसे दोस्तों से दूर रहो जो मुसीबत के समय तुम्हारा साथ छोड़ दें।" राहुल यह सुनकर शर्मिंदा हो गया और उसने मोहन से माफी मांगी।
भालू मोहन के पास आया, उसे सूंघा, और फिर वहाँ से चला गया, क्योंकि भालू मरे हुए इंसान को नहीं खाता। जब भालू वहाँ से चला गया, तो राहुल पेड़ से उतरकर मोहन के पास आया और हंसते हुए पूछा, "भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?" मोहन ने गुस्से में कहा, "भालू ने मुझे सलाह दी कि ऐसे दोस्तों से दूर रहो जो मुसीबत के समय तुम्हारा साथ छोड़ दें।" राहुल यह सुनकर शर्मिंदा हो गया और उसने मोहन से माफी मांगी।
राहुल यह सुनकर शर्मिंदा हो गया और उसने मोहन से माफी मांगी।
राहुल यह सुनकर शर्मिंदा हो गया और उसने मोहन से माफी मांगी।
राहुल को याद आया कि भालू इंसानों पर तभी हमला करता है जब वे हिलते-डुलते हैं। उसने बिना कुछ सोचे-समझे तुरंत एक पेड़ पर चढ़कर खुद को सुरक्षित कर लिया। लेकिन मोहन को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था, इसलिए वह घबरा गया। उसने एक पल के लिए सोचा और फिर ज़मीन पर लेट गया और साँस रोक ली, जैसे वह मर गया हो।
राहुल को याद आया कि भालू इंसानों पर तभी हमला करता है जब वे हिलते-डुलते हैं। उसने बिना कुछ सोचे-समझे तुरंत एक पेड़ पर चढ़कर खुद को सुरक्षित कर लिया। लेकिन मोहन को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था, इसलिए वह घबरा गया। उसने एक पल के लिए सोचा और फिर ज़मीन पर लेट गया और साँस रोक ली, जैसे वह मर गया हो।
राहुल को याद आया कि भालू इंसानों पर तभी हमला करता है जब वे हिलते-डुलते हैं। उसने बिना कुछ सोचे-समझे तुरंत एक पेड़ पर चढ़कर खुद को सुरक्षित कर लिया। लेकिन मोहन को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था, इसलिए वह घबरा गया। उसने एक पल के लिए सोचा और फिर ज़मीन पर लेट गया और साँस रोक ली, जैसे वह मर गया हो।
राहुल को याद आया कि भालू इंसानों पर तभी हमला करता है जब वे हिलते-डुलते हैं। उसने बिना कुछ सोचे-समझे तुरंत एक पेड़ पर चढ़कर खुद को सुरक्षित कर लिया। लेकिन मोहन को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था, इसलिए वह घबरा गया। उसने एक पल के लिए सोचा और फिर ज़मीन पर लेट गया और साँस रोक ली, जैसे वह मर गया हो।
भालू मोहन के पास आया, उसे सूंघा, और फिर वहाँ से चला गया, क्योंकि भालू मरे हुए इंसान को नहीं खाता। जब भालू वहाँ से चला गया, तो राहुल पेड़ से उतरकर मोहन के पास आया और हंसते हुए पूछा, "भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?"
भालू मोहन के पास आया, उसे सूंघा, और फिर वहाँ से चला गया, क्योंकि भालू मरे हुए इंसान को नहीं खाता। जब भालू वहाँ से चला गया, तो राहुल पेड़ से उतरकर मोहन के पास आया और हंसते हुए पूछा, "भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?"
भालू मोहन के पास आया, उसे सूंघा, और फिर वहाँ से चला गया, क्योंकि भालू मरे हुए इंसान को नहीं खाता। जब भालू वहाँ से चला गया, तो राहुल पेड़ से उतरकर मोहन के पास आया और हंसते हुए पूछा, "भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?"
राहुल को याद आया कि भालू इंसानों पर तभी हमला करता है जब वे हिलते-डुलते हैं। उसने बिना कुछ सोचे-समझे तुरंत एक पेड़ पर चढ़कर खुद को सुरक्षित कर लिया। लेकिन मोहन को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था, इसलिए वह घबरा गया। उसने एक पल के लिए सोचा और फिर ज़मीन पर लेट गया और साँस रोक ली, जैसे वह मर गया हो।
राहुल को याद आया कि भालू इंसानों पर तभी हमला करता है जब वे हिलते-डुलते हैं। उसने बिना कुछ सोचे-समझे तुरंत एक पेड़ पर चढ़कर खुद को सुरक्षित कर लिया। लेकिन मोहन को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था, इसलिए वह घबरा गया। उसने एक पल के लिए सोचा और फिर ज़मीन पर लेट गया और साँस रोक ली, जैसे वह मर गया हो।
राहुल को याद आया कि भालू इंसानों पर तभी हमला करता है जब वे हिलते-डुलते हैं। उसने बिना कुछ सोचे-समझे तुरंत एक पेड़ पर चढ़कर खुद को सुरक्षित कर लिया। लेकिन मोहन को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था, इसलिए वह घबरा गया। उसने एक पल के लिए सोचा और फिर ज़मीन पर लेट गया और साँस रोक ली, जैसे वह मर गया हो।
राहुल को याद आया कि भालू इंसानों पर तभी हमला करता है जब वे हिलते-डुलते हैं। उसने बिना कुछ सोचे-समझे तुरंत एक पेड़ पर चढ़कर खुद को
राहुल को याद आया कि भालू इंसानों पर तभी हमला करता है जब वे हिलते-डुलते हैं। उसने बिना कुछ सोचे-समझे तुरंत एक पेड़ पर चढ़कर खुद को
उन्हें एक भालू नजर आया। भालू को देखकर वे बहुत डर गए, क्योंकि भालू उनकी ओर तेजी से बढ़ रहा था।
एक बार की बात है, दो दोस्त थे—राहुल और मोहन। वे दोनों गहरे जंगल में यात्रा कर रहे थे। चलते-चलते
एक बार की बात है, दो दोस्त थे—राहुल और मोहन। वे दोनों गहरे जंगल में यात्रा कर रहे थे। चलते-चलते
दोस्तों की सच्ची मित्रता एक बार की बात है, दो दोस्त थे—राहुल और मोहन। वे दोनों गहरे जंगल में यात्रा कर रहे थे। चलते-चलते उन्हें एक भालू नजर आया। भालू को देखकर वे बहुत डर गए, क्योंकि भालू उनकी ओर तेजी से बढ़ रहा था।