बादल ने सीखा कि चाहे वह छोटा था, लेकिन उसकी मेहनत और इच्छा से बड़ा बदलाव आ सकता है। उसने यह भी समझा कि अगर हम अपनी पूरी कोशिश करें, तो चाहे हमारे पास कम साधन हों, हम कुछ अच्छा कर सकते हैं।
बादल ने सीखा कि चाहे वह छोटा था, लेकिन उसकी मेहनत और इच्छा से बड़ा बदलाव आ सकता है। उसने यह भी समझा कि अगर हम अपनी पूरी कोशिश करें, तो चाहे हमारे पास कम साधन हों, हम कुछ अच्छा कर सकते हैं।
बादल ने सीखा कि चाहे वह छोटा था, लेकिन उसकी मेहनत और इच्छा से बड़ा बदलाव आ सकता है। उसने यह भी समझा कि अगर हम अपनी पूरी कोशिश करें, तो चाहे हमारे पास कम साधन हों, हम कुछ अच्छा कर सकते हैं।
बादल ने सीखा कि चाहे वह छोटा था, लेकिन उसकी मेहनत और इच्छा से बड़ा बदलाव आ सकता है। उसने यह भी समझा कि अगर हम अपनी पूरी कोशिश करें, तो चाहे हमारे पास कम साधन हों, हम कुछ अच्छा कर सकते हैं।
बादल ने सीखा कि चाहे वह छोटा था, लेकिन उसकी मेहनत और इच्छा से बड़ा बदलाव आ सकता है। उसने यह भी समझा कि अगर हम अपनी पूरी कोशिश करें, तो चाहे हमारे पास कम साधन हों, हम कुछ अच्छा कर सकते हैं।
लेकिन फिर बादल फैसला किया कि वह कोशिश करेगा, चाहे उसकी बारिश कितनी भी हल्की क्यों न हो। वह धीरे-धीरे नीचे आया और अपनी हल्की बारिश से जमीन को भिगोने लगा। उसकी नन्ही बूंदों ने धरती को छूते ही ठंडक और ताजगी दी। पौधों की पत्तियाँ चमकने लगीं, और पेड़ फिर से हरे हो गए।
लेकिन फिर बिन्नी ने फैसला किया कि वह कोशिश करेगा, चाहे उसकी बारिश कितनी भी हल्की क्यों न हो। वह धीरे-धीरे नीचे आया और अपनी हल्की बारिश से जमीन को भिगोने लगा। उसकी नन्ही बूंदों ने धरती को छूते ही ठंडक और ताजगी दी। पौधों की पत्तियाँ चमकने लगीं, और पेड़ फिर से हरे हो गए।
एक दिन, धरती पर बहुत सूखा पड़ा था। पेड़-पौधे मुरझा गए थे, नदियाँ सूख चुकी थीं, और जानवर पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे। बिन्नी ने यह सब देखा और बहुत दुखी हुआ। उसने सोचा, "मेरे पास बहुत कम पानी है, मैं कैसे मदद कर सकता हूँ?"
एक दिन, धरती पर बहुत सूखा पड़ा था। पेड़-पौधे मुरझा गए थे, नदियाँ सूख चुकी थीं, और जानवर पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे। बिन्नी ने यह सब देखा और बहुत दुखी हुआ। उसने सोचा, "मेरे पास बहुत कम पानी है, मैं कैसे मदद कर सकता हूँ?"
एक दिन, धरती पर बहुत सूखा पड़ा था। पेड़-पौधे मुरझा गए थे, नदियाँ सूख चुकी थीं, और जानवर पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे। बिन्नी ने यह सब देखा और बहुत दुखी हुआ। उसने सोचा, "मेरे पास बहुत कम पानी है, मैं कैसे मदद कर सकता हूँ?"
एक बार की बात है, आकाश में एक छोटा सा बादल था जिसका नाम बिन्नी था। बिन्नी हमेशा ऊपर से नीचे धरती को देखता और सोचता कि उसे भी धरती पर जाकर कुछ अच्छा काम करना चाहिए। लेकिन वह छोटा था और उसकी बारिश बहुत हल्की थी, इसलिए उसे लगता था कि उसकी बारिश से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
एक बार की बात है, आकाश में एक छोटा सा बादल था जिसका नाम बिन्नी था। बिन्नी हमेशा ऊपर से नीचे धरती को देखता और सोचता कि उसे भी धरती पर जाकर कुछ अच्छा काम करना चाहिए। लेकिन वह छोटा था और उसकी बारिश बहुत हल्की थी, इसलिए उसे लगता था कि उसकी बारिश से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
एक बार की बात है, आकाश में एक छोटा सा बादल था जिसका नाम बिन्नी था। बिन्नी हमेशा ऊपर से नीचे धरती को देखता और सोचता कि उसे भी धरती पर जाकर कुछ अच्छा काम करना चाहिए। लेकिन वह छोटा था और उसकी बारिश बहुत हल्की थी, इसलिए उसे लगता था कि उसकी बारिश से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
एक बार की बात है, आकाश में एक छोटा सा बादल था जिसका नाम बिन्नी था। बिन्नी हमेशा ऊपर से नीचे धरती को देखता और सोचता कि उसे भी धरती पर जाकर कुछ अच्छा काम करना चाहिए। लेकिन वह छोटा था और उसकी बारिश बहुत हल्की थी, इसलिए उसे लगता था कि उसकी बारिश से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
जब तूफान खत्म हुआ, तो चिड़िया वापस पेड़ पर आई और उल्लू से कहा, "धन्यवाद, आपने मुझे सिखाया कि मुश्किलें हमें और मजबूत बनाती हैं।"
जब तूफान खत्म हुआ, तो चिड़िया वापस पेड़ पर आई और उल्लू से कहा, "धन्यवाद, आपने मुझे सिखाया कि मुश्किलें हमें और मजबूत बनाती हैं।"
जब तूफान खत्म हुआ, तो चिड़िया वापस पेड़ पर आई और उल्लू से कहा, "धन्यवाद, आपने मुझे सिखाया कि मुश्किलें हमें और मजबूत बनाती हैं।"
चिड़िया को पहले तो डर लगा, लेकिन उसने उल्लू की बात मानी। उसने अपने पंख फैलाए और धीरे-धीरे उड़ने की कोशिश की। जैसे ही वह हवा में उठी, उसे एहसास हुआ कि तूफान के साथ उड़ना कठिन था, लेकिन धीरे-धीरे उसने संतुलन बनाना सीख लिया। अब वह तूफान के साथ भी उड़ सकती थी, और उसे अपनी ताकत का एहसास हुआ।
चिड़िया को पहले तो डर लगा, लेकिन उसने उल्लू की बात मानी। उसने अपने पंख फैलाए और धीरे-धीरे उड़ने की कोशिश की। जैसे ही वह हवा में उठी, उसे एहसास हुआ कि तूफान के साथ उड़ना कठिन था, लेकिन धीरे-धीरे उसने संतुलन बनाना सीख लिया। अब वह तूफान के साथ भी उड़ सकती थी, और उसे अपनी ताकत का एहसास हुआ।
चिड़िया को पहले तो डर लगा, लेकिन उसने उल्लू की बात मानी। उसने अपने पंख फैलाए और धीरे-धीरे उड़ने की कोशिश की। जैसे ही वह हवा में उठी, उसे एहसास हुआ कि तूफान के साथ उड़ना कठिन था, लेकिन धीरे-धीरे उसने संतुलन बनाना सीख लिया। अब वह तूफान के साथ भी उड़ सकती थी, और उसे अपनी ताकत का एहसास हुआ।
चिड़िया ने सोचा, "अगर मैं किसी पेड़ की ऊंची शाखा पर जाकर बैठ जाऊं, तो शायद तूफान से बच जाऊं।" वह एक बड़े पेड़ की ऊपरी शाखा पर जा बैठी। मगर तूफान इतना तेज़ था कि पेड़ की शाखाएं भी कांपने लगीं। मीना डर गई और सोचने लगी, "अगर मैं यहां से गिर गई तो क्या होगा?"
चिड़िया ने सोचा, "अगर मैं किसी पेड़ की ऊंची शाखा पर जाकर बैठ जाऊं, तो शायद तूफान से बच जाऊं।" वह एक बड़े पेड़ की ऊपरी शाखा पर जा बैठी। मगर तूफान इतना तेज़ था कि पेड़ की शाखाएं भी कांपने लगीं। मीना डर गई और सोचने लगी, "अगर मैं यहां से गिर गई तो क्या होगा?"
चिड़िया ने सोचा, "अगर मैं किसी पेड़ की ऊंची शाखा पर जाकर बैठ जाऊं, तो शायद तूफान से बच जाऊं।" वह एक बड़े पेड़ की ऊपरी शाखा पर जा बैठी। मगर तूफान इतना तेज़ था कि पेड़ की शाखाएं भी कांपने लगीं। मीना डर गई और सोचने लगी, "अगर मैं यहां से गिर गई तो क्या होगा?"
तभी एक बूढ़ा उल्लू, जो उसी पेड़ की एक खोखली में रहता था, ने चिड़िया को देखा। उसने मीना को आवाज़ दी, "चिंता मत करो, चिड़िया डरना समाधान नहीं है। अपने पंखों को फैलाओ और तूफान के साथ उड़ने की कोशिश करो। हो सकता है, तूफान तुम्हें और मजबूत बना दे।"
तभी एक बूढ़ा उल्लू, जो उसी पेड़ की एक खोखली में रहता था, ने चिड़िया को देखा। उसने मीना को आवाज़ दी, "चिंता मत करो, चिड़िया डरना समाधान नहीं है। अपने पंखों को फैलाओ और तूफान के साथ उड़ने की कोशिश करो। हो सकता है, तूफान तुम्हें और मजबूत बना दे।"
तभी एक बूढ़ा उल्लू, जो उसी पेड़ की एक खोखली में रहता था, ने चिड़िया को देखा। उसने मीना को आवाज़ दी, "चिंता मत करो, चिड़िया डरना समाधान नहीं है। अपने पंखों को फैलाओ और तूफान के साथ उड़ने की कोशिश करो। हो सकता है, तूफान तुम्हें और मजबूत बना दे।"
चिड़िया ने सोचा, "अगर मैं किसी पेड़ की ऊंची शाखा पर जाकर बैठ जाऊं, तो शायद तूफान से बच जाऊं।" वह एक बड़े पेड़ की ऊपरी शाखा पर जा बैठी। मगर तूफान इतना तेज़ था कि पेड़ की शाखाएं भी कांपने लगीं। चिड़िया डर गई और सोचने लगी, "अगर मैं यहां से गिर गई तो क्या होगा?"
चिड़िया ने सोचा, "अगर मैं किसी पेड़ की ऊंची शाखा पर जाकर बैठ जाऊं, तो शायद तूफान से बच जाऊं।" वह एक बड़े पेड़ की ऊपरी शाखा पर जा बैठी। मगर तूफान इतना तेज़ था कि पेड़ की शाखाएं भी कांपने लगीं। चिड़िया डर गई और सोचने लगी, "अगर मैं यहां से गिर गई तो क्या होगा?"
लेकिन एक दिन अचानक भारी बारिश शुरू हो गई, और जंगल में तूफान आ गया। सभी जानवर अपने-अपने घरों में छिप गए, लेकिन चिड़िया के पास कोई ठिकाना नहीं था।
लेकिन एक दिन अचानक भारी बारिश शुरू हो गई, और जंगल में तूफान आ गया। सभी जानवर अपने-अपने घरों में छिप गए, लेकिन चिड़िया के पास कोई ठिकाना नहीं था।
लेकिन एक दिन अचानक भारी बारिश शुरू हो गई, और जंगल में तूफान आ गया। सभी जानवर अपने-अपने घरों में छिप गए, लेकिन चिड़िया के पास कोई ठिकाना नहीं था।
मीना ने सोचा, "अगर मैं किसी पेड़ की ऊंची शाखा पर जाकर बैठ जाऊं, तो शायद तूफान से बच जाऊं।" वह एक बड़े पेड़ की ऊपरी शाखा पर जा बैठी। मगर तूफान इतना तेज़ था कि पेड़ की शाखाएं भी कांपने लगीं। मीना डर गई और सोचने लगी, "अगर मैं यहां से गिर गई तो क्या होगा?"
मीना ने सोचा, "अगर मैं किसी पेड़ की ऊंची शाखा पर जाकर बैठ जाऊं, तो शायद तूफान से बच जाऊं।" वह एक बड़े पेड़ की ऊपरी शाखा पर जा बैठी। मगर तूफान इतना तेज़ था कि पेड़ की शाखाएं भी कांपने लगीं। मीना डर गई और सोचने लगी, "अगर मैं यहां से गिर गई तो क्या होगा?"
मीना ने सोचा, "अगर मैं किसी पेड़ की ऊंची शाखा पर जाकर बैठ जाऊं, तो शायद तूफान से बच जाऊं।" वह एक बड़े पेड़ की ऊपरी शाखा पर जा बैठी। मगर तूफान इतना तेज़ था कि पेड़ की शाखाएं भी कांपने लगीं। मीना डर गई और सोचने लगी, "अगर मैं यहां से गिर गई तो क्या होगा?"
एक बार की बात है, एक सुंदर जंगल में मीना नाम की एक छोटी चिड़िया रहती थी। मीना बहुत खुशमिजाज और उड़ने में माहिर थी। वह पूरे दिन आसमान में उड़ती और जंगल के हर कोने की सैर करती। लेकिन एक दिन अचानक भारी बारिश शुरू हो गई, और जंगल में तूफान आ गया। सभी जानवर अपने-अपने घरों में छिप गए, लेकिन मीना के पास कोई ठिकाना नहीं था।
एक बार की बात है, एक सुंदर जंगल में मीना नाम की एक छोटी चिड़िया रहती थी। मीना बहुत खुशमिजाज और उड़ने में माहिर थी। वह पूरे दिन आसमान में उड़ती और जंगल के हर कोने की सैर करती। लेकिन एक दिन अचानक भारी बारिश शुरू हो गई, और जंगल में तूफान आ गया। सभी जानवर अपने-अपने घरों में छिप गए, लेकिन मीना के पास कोई ठिकाना नहीं था।
एक बार की बात है, एक सुंदर जंगल में मीना नाम की एक छोटी चिड़िया रहती थी। मीना बहुत खुशमिजाज और उड़ने में माहिर थी। वह पूरे दिन आसमान में उड़ती और जंगल के हर कोने की सैर करती। लेकिन एक दिन अचानक भारी बारिश शुरू हो गई, और जंगल में तूफान आ गया। सभी जानवर अपने-अपने घरों में छिप गए, लेकिन मीना के पास कोई ठिकाना नहीं था।