आयुष: (हंसते हुए) अरे, डर मत। ये सिर्फ एक पुरानी हवेली है। चल, अंदर चलते हैं। (दोनों अंदर जाते हैं। अचानक एक दरवाजा खुद-ब-खुद बंद हो जाता है।)
आयुष: (हंसते हुए) अरे, डर मत। ये सिर्फ एक पुरानी हवेली है। चल, अंदर चलते हैं। (दोनों अंदर जाते हैं। अचानक एक दरवाजा खुद-ब-खुद बंद हो जाता है।)
आयुष: (हंसते हुए) अरे, डर मत। ये सिर्फ एक पुरानी हवेली है। चल, अंदर चलते हैं। (दोनों अंदर जाते हैं। अचानक एक दरवाजा खुद-ब-खुद बंद हो जाता है।)
रिया और आयुष हवेली के अंदर कदम रखते हैं) रिया: (आवाज़ में डर) आयुष, मुझे नहीं लगता कि हमें यहां आना चाहिए था।
रिया और आयुष हवेली के अंदर कदम रखते हैं) रिया: (आवाज़ में डर) आयुष, मुझे नहीं लगता कि हमें यहां आना चाहिए था।
रिया और आयुष हवेली के अंदर कदम रखते हैं) रिया: (आवाज़ में डर) आयुष, मुझे नहीं लगता कि हमें यहां आना चाहिए था।
एक पुरानी, सुनसान हवेली डरावनी
एक पुरानी, सुनसान हवेली डरावनी
A boy walking with a flashlight down a misty, dimly lit road in a spooky village
A boy walking with a flashlight down a misty, dimly lit road in a spooky village
A boy walking on the road horror vilage
A boy walking on the road horror vilage
गाँव के पुराने कुएँ से रात को अजीब सी आवाजें आती थीं। कहते हैं, जो भी वहाँ गया, वापस नहीं लौटा। उस रात, राहुल ने हिम्मत की और कुएँ के पास गया। जैसे ही उसने झांका, एक ठंडी हवा का झोंका उसके चेहरे पर लगा..." झे बचाओ…" "उसकी धड़कन तेज हो गई, और जब उसने पलटकर देखा… कुएँ के अंदर से एक हाथ उसकी ओर बढ़ रहा था।"
गाँव के पुराने कुएँ से रात को अजीब सी आवाजें आती थीं। कहते हैं, जो भी वहाँ गया, वापस नहीं लौटा। उस रात, राहुल ने हिम्मत की और कुएँ के पास गया। जैसे ही उसने झांका, एक ठंडी हवा का झोंका उसके चेहरे पर लगा..." झे बचाओ…" "उसकी धड़कन तेज हो गई, और जब उसने पलटकर देखा… कुएँ के अंदर से एक हाथ उसकी ओर बढ़ रहा था।"
रात के अंधेरे में, जब सब सो रहे थे, एक अजीब सी आवाज़ गूंज रही थी... (pause) जैसे कोई दीवारों से फुसफुसा रहा हो। अचानक... दरवाज़ा अपने आप खुल गया।" Voice: (deep and echoing) "कौन है...?" "कोई नहीं... फिर भी हर कदम पर उसकी परछाई दिख रही थी।"
रात के अंधेरे में, जब सब सो रहे थे, एक अजीब सी आवाज़ गूंज रही थी... (pause) जैसे कोई दीवारों से फुसफुसा रहा हो। अचानक... दरवाज़ा अपने आप खुल गया।" Voice: (deep and echoing) "कौन है...?" "कोई नहीं... फिर भी हर कदम पर उसकी परछाई दिख रही थी।"