“## चिड़िया और बिल्ली (The Bird and the Cat)
एक दिन, एक छोटी सी चिड़िया एक पेड़ की टहनी पर गा रही थी। उसकी मीठी आवाज पूरे बगीचे में गूंज रही थी। तभी, एक चालाक बिल्ली पेड़ के नीचे से गुजरी। उसने चिड़िया की खूबसूरत आवाज सुनी और ऊपर देखा।
बिल्ली ने सोचा, "यह तो बहुत स्वादिष्ट लगेगी!" वह पेड़ के पास चुपके से चली गई और ऊपर कूदने के लिए तैयार हुई।
लेकिन चिड़िया बिल्ली को देख चुकी थी। वह तुरंत बोली, "नमस्ते बिल्ली जी! आप इतनी सुबह कहाँ जा रही हैं?"
बिल्ली चौंकी और झूठ बोली, "मैं बस टहल रही हूँ। आपकी इतनी सुंदर आवाज सुनकर मैं रुक गई।"
चिड़िया मुस्कुराई और बोली, "आप बहुत दयालु हैं। क्या आप संगीत पसंद करते हैं?"
बिल्ली ने झट से जवाब दिया, "हाँ, बहुत!"
चिड़िया ने कहा, "तो फिर नीचे आइए और मेरे साथ गाएँ! मिलकर गाना ज्यादा मजेदार होगा।"
बिल्ली हैरान हो गई। वह नीचे नहीं आ सकती थी, नहीं तो चिड़िया को पकड़ लेती। इसलिए, उसने माफी मांगते हुए कहा, "वास्तव में, मुझे कहीं जाना है। मुझे आपकी सुंदर आवाज बहुत पसंद आई।"
यह कहते हुए, बिल्ली जल्दी से वहां से चली गई। चिड़िया पेड़ पर हंस पड़ी। वह जानती थी कि बिल्ली उसे धोखा देने की कोशिश कर रही थी।
इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि चालाकी हमेशा काम नहीं आती। ईमानदारी और बुद्धि अधिक महत्वपूर्ण हैं।”