“थोड़ी दूर जाने के बाद रास्ता दो भाग में बट गया! एक रास्ता गाँव की तरफ जाता था तो दूसरा जंगल की ओर! वही पर मेरे दोस्त ने मेरा नाम पुकारा ” देबू” और वहीँ बेहोश हो गया! मैंने एक आदमी को जिसने फौजी की वर्दी और हरे रंग की पगड़ी पहन रखी थी, जंगल की ओर जाते देखा! थोड़ी दूर जाने पर वह गायब हो गया! मैं किसी तरह अपने दोस्त को घर तक लाया और सारी बात बता दी!”