“एक अज्ञात आदमी, अखण्ड वन यात्रा की तलाश में, एक गहरे और अंधेरे जंगल में चला गया। उसका मंजिल कोई जानकारी नहीं थी, बस वह उस अज्ञात दरिया की ओर बढ़ रहा था। चलते चलते, वह अपने आपको एक अद्भुत जंगल में पाया, जहां कोई भी आवाज़ नहीं थी, सिर्फ चुपचाप संतुलन और अद्भुतता का वातावरण था।”